'पहले तय करें कि कौन सी पार्टी...', थरूर के सर्वे पर मुरलीधरन का तंज

शशि थरूर ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक निजी एजेंसी के सर्वे को साझा किया. सर्वे में 28.3% लोगों ने उन्हें केरल का अगला मुख्यमंत्री बनने के लिए सबसे उपयुक्त बताया. थरूर ने इस पोस्ट के साथ हाथ जोड़ने वाला इमोजी भी जोड़ा.

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Courtesy: Social Media

Shashi Tharoor: कांग्रेस नेता शशि थरूर द्वारा शेयर किए गए सर्वे के बाद केरल में सियासी हलचल तेज हो गई है. सर्वे में उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा यूडीएफ नेता बताया गया. इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन ने तंज कसते हुए कहा कि थरूर को पहले यह तय करना चाहिए कि वह किस पार्टी से हैं.

शशि थरूर ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक निजी एजेंसी के सर्वे को साझा किया. सर्वे में 28.3% लोगों ने उन्हें केरल का अगला मुख्यमंत्री बनने के लिए सबसे उपयुक्त बताया. थरूर ने इस पोस्ट के साथ हाथ जोड़ने वाला इमोजी भी जोड़ा. इस कदम ने कांग्रेस के भीतर और बाहर चर्चाओं को हवा दी.

कांग्रेस के भीतर तीखी आलोचना

मुरलीधरन ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में थरूर पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चाहे सर्वे कुछ भी कहे, अगर 2026 में यूडीएफ सत्ता में आती है, तो मुख्यमंत्री यूडीएफ से ही होगा. मुरलीधरन ने स्पष्ट किया कि पार्टी के पास मुख्यमंत्री चुनने के लिए तय नियम हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कई वरिष्ठ नेता हैं, जिन पर इस पद के लिए विचार होगा. मुरलीधरन का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब थरूर की पहलगाम आतंकी हमले पर टिप्पणियों को लेकर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मतभेद सामने आए हैं.

उनकी टिप्पणियों की कांग्रेस के भीतर तीखी आलोचना हुई. कुछ नेताओं का मानना है कि इन टिप्पणियों ने पार्टी को रक्षात्मक स्थिति में ला दिया. मुरलीधरन ने इस मुद्दे पर थरूर को सीधे जिम्मेदार ठहराया. मुरलीधरन ने जोर देकर कहा कि पार्टी का ध्यान 2026 के विधानसभा चुनाव जीतने पर है. उन्होंने कहा कि हमें अनावश्यक विवादों में कोई रुचि नहीं है. उनका कहना था कि कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी. मुख्यमंत्री पद का फैसला पार्टी के नियमों और सामूहिक निर्णय के आधार पर होगा.

केरल का सियासी माहौल

केरल में माकपा नेता पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार का दूसरा कार्यकाल खत्म हो रहा है. यूडीएफ इस मौके को भुनाने की कोशिश में है. थरूर का सर्वे साझा करना और मुरलीधरन का जवाब कांग्रेस के भीतर नेतृत्व को लेकर चल रही खींचतान को दर्शाता है. यह विवाद कांग्रेस के लिए चुनौती बन सकता है. थरूर की लोकप्रियता और उनके बयानों ने पार्टी के भीतर बहस छेड़ दी है. दूसरी ओर, मुरलीधरन जैसे वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पार्टी को एकजुट रहकर सत्ता में वापसी पर ध्यान देना चाहिए. केरल की जनता इस सियासी ड्रामे पर नजर रखे हुए है. कांग्रेस को अब यह तय करना होगा कि वह कैसे इस स्थिति से निपटेगी और चुनाव की रणनीति को मजबूत करेगी.

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