Inflation: चौथे महीने भी निगेटिव रही थोक मुद्रास्फीति, थोक मंहगाई 8 साल के निचले स्तर पर

Inflation: भारत के थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति जून में गिरकर माइनस 4.12 प्रतिशत हो गई है. पिछले महीने ये 3.48 प्रतिशत थी. वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को आंकड़े जारी किए है जिसमें WPI में गिरावट देखने को मिल रही है. रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूपीआई में गिरावट खनिज तेल, खाद्य उत्पाद, धातु, कच्चे पेट्रोलियम […]

Date Updated
फॉलो करें:

Inflation: भारत के थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति जून में गिरकर माइनस 4.12 प्रतिशत हो गई है. पिछले महीने ये 3.48 प्रतिशत थी. वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को आंकड़े जारी किए है जिसमें WPI में गिरावट देखने को मिल रही है. रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूपीआई में गिरावट खनिज तेल, खाद्य उत्पाद, धातु, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और वस्त्रों की कीमतों में गिरावट के कारण है.

बता दें कि वर्ष 2015 में WPI मुद्रास्फीति में अक्टूबर के महीने में यह आंकड़ा माइनस 4.12 प्रतिशत था. अब 8 साल बाद WPI मुद्रास्फीति अपने पिछले बुरे रिकॉर्ड के साथ फिर नजर आ रही है. इस साल इसके माइनस में जाने की शुरुआत अप्रैल के महीने से हुई थी जब यह माइनस 0.93 प्रतिसत थी. मार्च 2023 में, प्राथमिक वस्तु, विनिर्मित उत्पाद, ईंधन और बिजली के साथ-साथ भोजन के सूचकांक में भारी गिरावट के कारण डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 29 महीने के निचले स्तर 1.34 प्रतिशत पर आ गई थी. इस बीच, वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, जून में डब्ल्यूपीआई के सभी कमोडिटी इंडेक्स में महीने-दर-महीने 0.4 फीसदी की गिरावट आई, जो प्राइस मोमेंटम के कमजोर होने का संकेत है.

जून के महीने में थोक मुद्रास्फीति की दर में गिरावट का कारण है खाद्य, ईंधन एवं विनिर्मित उत्पादों की कीमतों का कम होना. ईंधन एवं बिजली खंड की मुद्रास्फीति जून में 12.63 प्रतिशत घट गई जबकि मई में इसमें 9.17 प्रतिशत की कमी आई थी. मंत्रालय ने विज्ञप्ति में कहा कि जून के महीने में थोक मुद्रास्फीति की दर में गिरावट आने का मुख्य कारण खनिज तेल, खाद्य उत्पादों, मूल धातुओं, कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस और कपड़ों की कीमतों में आई कमी है.