राम मंदिर को लेकर बोले लालकृष्ण आडवाणी, कहा- नियति ने तय कर लिया था कि अयोध्‍या में श्रीराम...

Ram Mandir Inauguration: लालकृष्ण आडवाणी ने 1990 के दशक की शुरुआत में राम मंदिर आंदोलन में अपनी अहम भूमिका निभाई थी. दरअसल इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित हजारों लोग शामिल होंगे.

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हाइलाइट्स

  • राम मंदिर को लेकर बोले लालकृष्ण आडवाणी
  • कहा- नियति ने तय कर लिया था कि अयोध्‍या में श्रीराम का मंदिर अवश्य बने

Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में बने श्री राम के भव्य मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को होने जा रह है. इस दौरान समारोह में शामिल होने के लिए देश-विदेश से कई राम भक्त पहुंच रहे हैं. इस कार्यक्रम के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं समेत कई दिग्गजों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है. इस बीच आज ( 12 जनवरी) राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में समारोह में शामिल होने या ना होने की तमाम अटकलों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी का अहम बयान सामने आय है. 

क्या बोले लाल कृष्ण आडवाणी?

आडवाणी ने कहा, "नियति ने तय कर लिया था कि अयोध्या में श्री राम का मंदिर का अवश्य निर्माण होगा. "उन्होंने आगे कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तब वे हमारे भारतवर्ष के हर नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे. मेरी प्रार्थना है कि यह मंदिर सभी भारतीयों का श्री राम के गुणों को अपनाने लिए लिए प्रेरित करेगा. 

वहीं लाल कृष्ण आडवाणी ने मासिक पत्रिका 'राष्ट्रधर्म' से बातचीत के दौरान कहा कि रथयात्रा शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही मुझे इसका अनुभव हो गया था कि मैं तो बस एक सारथी था. रथयात्रा का प्रमुख संदेशवाहक खुद रथ ही था और पूजा के योग्य इसलिए था कि क्योंकि वह श्रीराम मंदिर के निर्माण के पवित्र उद्देश्य की पूर्ति के लिए उनके जन्मस्थान अयोध्या जा रहा था."

इस दौरान पत्रिका से बात करते समय उन्होंने 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यकर्म में भी शामिल होने के भी संकेत दिए. 

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे आडवाणी?

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के चीफ आलोक कुमार के गुरुवार को किये गए दावे के अनुसार राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे. 

बता दें, कि आडवाणी ने 1990 के दशक की शुरुआत में राम मंदिर आंदोलन में अपनी अहम भूमिका निभाई थी. दरअसल इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ सहित हजारों लोग शामिल होंगे. 

ऐसी होगी सुरक्षा-व्यवस्था 

22 जनवरी को अयोध्या की ओर जाने वाल सभी सड़कों पर यातायात में बदलाव किया जाएगा. इसके साथ ही इस दिन शहर में अर्धसैनिक बल और पीएसी की 26 कंपनियों के साथ-साथ लगभग 8000 नागरिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा. इसके अलावा यूपी एंटी टेरर स्क्वाड (एटीएस) और स्पेशल टास्क फोर्स की टीमें और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड जैसी केंद्रीय एजेंसियां ​​भी तैनात रहेंगी.

AI सर्विलांस से रखी जाएगी नजर 

अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था में लगे अधिकारियों के अनुसार, 22 जनवरी को अयोध्या में मंदिर की सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सर्विलांस शुरू किया जा सकता है. गौरतलब है कि राम मंदिर को लेकर पहले भी कई तरह की धमकियां मिल चुकी हैं, जिसके बाद प्रशासन की ओर से ये कदम उठाया जा रहा है.

AI सर्विलांस बार-बार आने वाले भक्तों या लोगों के समूह द्वारा अपनाई जाने वाली किसी सामान्य प्रवृत्ति, या मंदिर परिसर के भीतर देखी गई किसी अन्य संदिग्ध प्रवृत्ति का पता लगाने में मदद कर सकता है. इसकी मदद से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर आ जाएंगी और समय पर कार्रवाई करने में सक्षम होंगी.