संसद में आज पेश होगा ONOE विधेयक, लोकसभा में 361 और राज्यसभा में 154 सांसदों के समर्थन की होगी जरुरत

केंद्र सरकार मंगलवार को संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 लोकसभा में पेश करने जा रही है. इस विधेयक का उद्देश्य लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराना है. विधेयक को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा पेश किया जाएगा.

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Courtesy: Social Media

ONOE: केंद्र सरकार मंगलवार को संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 लोकसभा में पेश करने जा रही है. इस विधेयक का उद्देश्य लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराना है. विधेयक को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा पेश किया जाएगा. इसके बाद इसे संसद की संयुक्त समिति को भेजने का अनुरोध किया जाएगा.  

यह विधेयक जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी और दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों सहित सभी राज्यों और केंद्र के चुनाव एक साथ कराने का प्रयास करता है. कैबिनेट ने ONOE को हाल ही में मंजूरी दी है. हालांकि प्रस्तावित प्रक्रिया के अनुसार एक साथ चुनाव 2034 से पहले संभव होता नजर नहीं आ रहा है. 

विपक्ष का विरोध 

ONOE को पेश किए जाने से पहले ही विपक्षी दलों द्वारा विरोध जताया गया है. कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की मांग की है. वहीं डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन इसे कठोर और अव्यावहारिक करार दिया. ममता बनर्जी ने इसे अधिनायकवादी बताया है. सीपीआई (एम) की ओर से इसे संघीय भावना के विरुद्ध बताया. इस विधेयक को संसद से पारित होने के लिए सरकार को लोकसभा में 361 और राज्यसभा में 154 सांसदों के समर्थन की जरूरत है. अगर पक्ष और विपक्ष मिलाकर इस विधेयक को इतना समर्थन मिल जाता है तो इसे लागू कर दिया जाएगा. लोकसभा में एनडीए के अलावा वाईएसआरसीपी, बीजेडी और एआईएडीएमके जैसी गैर-गठबंधन पार्टियों का समर्थन जरूरी है. 

सरकार का दावा

सरकार का दावा है कि इस लागू किए जाने के बाद सरकार का पैसा और समय दोनों बचेगा. मोदी सरकार का कहना है कि साल भर किसी ना किसी राज्य में चुनाव होता रहते हैं. जिसके कारण मंत्रियों को अपना सारा काम छोड़ कर प्रचार के लिए जाना पड़ता है. साथ ही चुनाव प्रचार में काफी पैसे भी लगते हैं. ऐसे में अगर सारे चुनाव एक साथ हो जाए तो सरकार का पैसा और समय दोनों बचाया जा सकता है. साथ ही नागरिकों द्वारा चुने गए नेता नागरिकों के लिए और भी ज्यादा बेहतर काम कर सकते हैं. 

विधेयक के प्रमुख प्रावधान

 1. नया अनुच्छेद 82(ए): लोकसभा और विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव.  
2. संशोधन: अनुच्छेद 83, 172 और 327 में संशोधन का सुझाव.  
3. नियत तिथि: यह तारीख 2029 में अगले लोकसभा चुनाव के बाद तय होगी.  
4. यदि किसी सदन या विधानसभा का कार्यकाल पहले समाप्त होता है, तो नया कार्यकाल सिर्फ शेष समय के लिए होगा.  

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