Parliament Security Breach: संसद के आरोपियों का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट, घुसपैठियों की नार्को एनालिसिस और ब्रैन मैपिंग से खुलेगा राज

Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा. जिसके बाद संसद घुसपैठ कांड को लेकर अहम खुलासे हो सकते हैं.

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हाइलाइट्स

  • दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दी थी आरोपियों के मनोवैज्ञानिक परीक्षण की अर्जी
  • जांच के लिए पुलिस ने बताया जरूरी

Parliament Security Breach:  13 दिसम्बर 2023 को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. संसद हमले के 13 साल बाद संसद में घुसपैठ कर एक बार फिर अफरा-तफरी का माहौल पैदा करने वाले सभी छह आरोपियों की जांच चल रही है. अब पुलिस आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने वाली है. इसके लिए आरोपियों ने अपनी हामी भर दी है.

जानकारी के अनुसार, पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए संसद घुसपैठ का मास्टरमाइंड ललित झा, महेश कुमावत और अमोल शिंदे ने अपनी मंजूरी दे दी है, जबकि सागर शर्मा और मनोरंजन डी ने पॉलीग्राफ, नार्को एनालिसिस और ब्रैन मैपिंग के लिए सहमत हुए हैं. हालांकि महिला आरोपी नीलम आजाद ने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए हामी नहीं भरी है. 

सभी आरोपियों की पुलिस कस्टडी बढ़ी 

संसद में गैरकानूनी तरह से घुसने के आरोप में गिरफ्तार सभी छह आरोपियों की पुलिस कस्टडी 5 जनवरी को पूरी हुई. जिसके बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. दिल्ली पुलिस ने आरोपियों की पुलिस कस्टडी बढ़ाने के लिए अर्जी दाखिल की थी. पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के बाद सभी छह आरोपियों की पुलिस कस्टडी को 8 दिनों तक के लिए बढ़ा दिया. 

दिल्ली पुलिस ने पॉलीग्राफ, नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग के लिए दी थी अर्जी 

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने संसद कांड के सभी आरोपियों के पॉलीग्राफ, नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग के लिए अर्जी दाखिल की थी. जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपियों को लीगल ऐड के वकील से बात करने को कहा है. 

पुलिस ने क्यों की मनोवैज्ञानिक परीक्षण की मांग?

पटियाला हाउस कोर्ट में आरोपियों की मनोवैज्ञानिक परीक्षण की मांग की अर्जी दाखिल करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि मामले की जांच के लिए ऐसा करना जरूरी है. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों ने कई महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने की कोशिश की है, जिसका पता लगाने के लिए सबका मनोवैज्ञानिक परीक्षण जरूरी है. पुलिस ने कोर्ट को जानकारी दी कि घटना के बाद आरोपियों ने जो मोबाईल नष्ट किए थे, उनके सिमकार्ड रिकवर कर लिए गए हैं, जबकि कुछ डाटा भी रिकवर हुआ है.  

हमले का मकसद समझने के लिए जरूरी है ब्रेन मैपिंग 

दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट को अपनी दलील में कहा था कि संसद पर हुए आतंकवादी हमले के 13 साल बाद 13 दिसम्बर को हुए इस संसद कांड की साजिश सुनियोजित थी. पुलिस का पक्ष रखने वाले पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अखंड प्रताप सिंह ने कहा था कि "सभी आरोपियों से हमले के असली मकसद को समझना जरूरी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं आरोपियों का किसी अन्य दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ कोई संबंध तो नहीं हैं".