Surat Diamond Bourse: पीएम नरेंद्र मोदी अगले दिन यानि 17 दिसंबर को गुजरात राज्य में एसडीबी (नवनिर्मित सूरत डायमंड बोर्स) का उद्घाटन करने वाले हैं. मिली जानकारी के मुताबिक सूरत शहर के खाजोद गांव में डायमंड रिसर्च एंड मर्केंटाइल (ड्रीम सिटी) के भाग को 35.54 एकड़ भूमि पर निर्मित 67 लाख वर्ग फुट फ्लोर आवासीय भवन है. जो कि दुनिया का सबके बड़ा भवन कहा जाता है. जबकि 3400 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला सूरत डायमंड बोर्स कच्चे एवं पॉलिश किए गए हीरे के कारोबार का एक वैश्विक केंद्र बनकर सामने आएगा.
दरअसल 9 टावर और 15 मंजिलों वाले एसडीबी भवन में लगभग 4500 डायमंड ट्रेडिंग कार्यालय मौजूद है. जबकि एसडीबी के संयोजक का कहना है कि, उद्घाटन हो जाने के बाद एसडीबी भवन के नजदीक पीएम के संबोधन की व्यवस्था की गई है. हालांकि उनका कहना है कि, उद्घाटन होने से पूर्व ही मुंबई समेत कई शहरों के हीरा व्यापारियों ने अपने कार्यालयों पर कब्जा जमा रखा है. मिली सूचना के अनुसार इन व्यापारियों को कार्यालय नीलामी के बाद प्रबंधन के तरफ से आवंटित कर दिए गए थे.
वहीं गुजरात के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि, पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले ही सूरत एयरपोर्ट के नव-उन्नत टर्मिनल भवन का उद्घाटन कर दिया था. बता दें कि गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने बीते वर्ष 2015 में एसडीबी और ड्रीम सिटी परियोजना का शिलान्यास अपने हाथों से किया था. जबकि 3400 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला 35.54 एकड़ जमीन पर निर्मित, सूरत डायमंड बोर्स कच्चे एवं पॉलिश किए गए हीरे के कारोबार का एक वैश्विक केंद्र बनकर सामने आने वाला है.
जानकारी दें कि, डायमंड बोर्स दुनिया का सबसे बड़ा इंटरकनेक्टेड इमारत कहा जाता है. दरअसल इसके अंदर 4,500 से ज्यादा का इंटरकनेक्टेड कार्यालय बनाया गया है. वहीं इस इमारत में 175 देशों के 4,200 व्यापारियों को ठहरने की क्षमता बताई जाती है. इतना ही नहीं जो व्यापारी पॉलिश किए गए हीरे खरीदने के लिए सूरत पहुंचेंगे तो उनके आने से लगभग 1.5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके बावजूद दुनिय के हर कोने से आए हीरा व्यापारी को सूरत में अपने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक मंच मिलने वाला है.
आपको बता दें कि, इससे पहले भी पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके बताया था कि, सूरत डायमंड बोर्स ने अब पेंटागन को पछाड़ दिया है. डायमंड बोर्स पिछले 80 सालों में दुनिया की सबसे बड़ी कार्यालय इमारत के रूप में उभरकर सामने आई है. इतना ही नहीं ये बोर्स व्यापार, नवाचार और सहयोग के केंद्र के तौर पर कार्य करने वाला है. इसके साथ ही वह हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ रोजगार के नए अवसर लोगों को देने वाला है.