PUNJAB : ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ़्तारी पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस बीच उन्होंने कहा आज अमृतपाल सिंह 35 दिन बाद गिरफ़्तार हुआ है। जो लोग देश की अमन-शांति, क़ानून को तोडने की कोशिश करेंगे सिर्फ उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई होगी। मैं 3.5 करोड़ पंजाब वासियों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने अमन-शांति को भंग नहीं होने दी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा पंजाब ने उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है। इस कारण उनका कर्तव्य बनता है कि लोगों के जान माल की सुरक्षा की जाए। इसके लिए भले ही एक्शन लेने पड़े, कठोर कार्रवाई की जाए, लेकिन निर्दोषों पर नहीं। कानून के अनुसार काम किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि मेरे पास कल रात पूरी सूचना आ गई थी। मैं पूरी रात नहीं सो पाया था। मैं हर 15-30 मिनट में जानकारी लेता रह रहा था क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि कोई क़ानून-व्यवस्था की स्थिति बन जाये।
सीएम मान ने कहा आज एक संस्था चलाने वाले अमृतपाल सिंह को पकड़ लिया गया। वह बेटे-बेटियों को बंदूक पकड़ने या गैर सामाजिक काम करने की प्रेरणा देते थे, उन्हें भी गिरफ्तार किया गया। उन्होंने करीब 35 दिनों तक भाइचारे की पहचान दिखाने पर धन्यवाद किया। क्योंकि ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई, जिससे अमन-शांति को खतरा पैदा हो पाता।
उन्होंने आगे कहा अमृतपाल सिंह को 18 मार्च को ही गिरफ्तार करने की कार्रवाई की जाती तो शायद उस दिन गोलियां चल जातीं। सरकार नहीं चाहती थी कि कोई खून-खराबा हो। DGP पंजाब ने उन्हें अजनाला पुलिस थाने के सामने पालकी साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब जी की सवारी लाने की जानकारी दी थी, लेकिन उन्होंने DGP को सख्त निर्देश दिए कि भले ही कुछ भी हो जाए, लेकिन गुरु साहिब की सवारी पर पानी का कोई छींटा भी नहीं पड़ना चाहिए। क्योंकि पंजाब के लिए गुरु साहिब की मर्यादा सर्वोपरि है। उस दिन कुछ पुलिसकर्मी चोटिल भी हुए, सिर में टांके भी लगे, लेकिन गुरु साहिब की मर्यादा के लिए स्वयं न्योछावर होने को तैयार हैं।
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने अमृतपाल को आज सुबह मोगा जिले के रोड गांव में पुलिस कर्मियों ने घेर लिया, जिससे उसके बचने का कोई रास्ता नहीं बचा और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।