राघव चड्ढा बोले INDIA से घबराया हुआ है NDA: कहा- सत्ता पक्ष में असत्य और बुराई भरी हुई है

Raghav Chadha: मंगलवार को कर्नाटक में हुई विपक्ष की बैठक में तीसरे गठबंधन का नाम तय हो गया है. बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर बताया गया कि 2024 के लिए तैयार हुए विपक्षी गठबंधन का नाम India यानी India National Developmental Inclusive Alliance रखा गया है. इसकी जानकारी राघव चड्ढा ने भी ट्वीट के […]

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Raghav Chadha: मंगलवार को कर्नाटक में हुई विपक्ष की बैठक में तीसरे गठबंधन का नाम तय हो गया है. बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर बताया गया कि 2024 के लिए तैयार हुए विपक्षी गठबंधन का नाम India यानी India National Developmental Inclusive Alliance रखा गया है. इसकी जानकारी राघव चड्ढा ने भी ट्वीट के ज़रिए दी थी. इस संबंध में उन्होंने हाल ही में एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए एक बार फिर सत्ता पक्ष पर हमला बोला और कहा कि सत्तारूढ़ खेमे में असत्य है और बुराई है.

राज्य सभा सांसद राघव चड्ढा ने बात करते हुए पहले पत्रकार से ही सवाल पूछ लिया कि आपको नाम कैसा लगा? जिसके जवाब में पत्रकार ने भी कहा कि नाम तो बहुत अच्छा है. इसके बाद राघव चड्ढा कहते हैं कि नाम किसने दिया, कहां से आया किसने उसकी प्रस्तावना रखी इस सब में मैं नहीं पड़ना चाहूंगा. मुझे लगता है कि नाम बहुत बेहतरीन है और कहीं ना कहीं इस नाम से एनडीए घबराया हुआ है.

चड्ढा ने कहा कि वो एनडीए जो कहा करता था कि एक अकेला सब पर भारी, मोदी बनाम ऑल मदर्स, आज उस बीजेपी को, आज उस सियासी पार्टी को 36 अन्य पार्टियों की ज़रूरत पड़ी है. अब वो कोशिश कर रहे हैं कि कोई भी रजिस्ट्रेड पार्टी हो और उसको अपने साथ जोड़ लो. ताकि हम लोगों को बता सकें कि हम 38 पार्टियाँ एक साथ हैं. तो कहीं ना कहीं यह डर भाजपा को सता रहा है.

चड्ढा आगे कहते हैं कि NDA के पास भले ही ज़्यादा तादाद में पार्टियां हैं लेकिन उन पार्टियों में 24 ऐसी हैं जिनके पास एक भी सांसद नहीं है. ये पार्टियां लोकसभा चुनाव लड़ने चली हैं लेकिन इनके पास एक भी सांसद नहीं है. NDA में मात्र दो या तीन ऐसी पार्टियाँ हैं जिनके पास पाँच से ज़्यादा सांसद हैं. उन्होंने कहा कि NDA की घबराहट का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने पिछले दस वर्षों में एक बार भी बैठक नहीं बुलाई लेकिन अब वो मीटिंग करने के लिए मजबूर हो गया है.

इस दौरान उन्होंने कहा कि देश कई चुनौतियों से जूझ रहा है. आज से नौ साल पहले देश की जनता ने एक सरकार को चुना और जनता ने उस सरकार को इसलिए चुना था क्योंकि उन्होंने वादे किए थे लेकिन सभी वादे खोखले निकले. यही वजह है कि अब जनता नई सरकार चाहती है और विपक्ष का इस तरह इकट्ठा होना इतिहास का पन्नों में दर्ज होगा. उन्होंने कहा कि इतने सारे विपक्षी दल जब एक दूसरे के प्रति आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ आ रहे हैं तो यह आम बात नहीं है.