दलित नहीं था रोहित वेमुला, सच के डर से किया सुसाइड, हैदराबाद पुलिस ने तेलंगाना कोर्ट को सौंपी केस क्लोजर रिपोर्ट

तेलंगाना पुलिस ने वेमुला मामला पूरे 8 साल बाद बंद कर दिया है. इसके साथ ही कहा कि उसकी आत्महत्या के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि सच बाहर न आए इसलिए उसने खुदखुशी की थी.

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तेलंगाना पुलिस ने पूरे 8 साल बाद वेमुला मामला बंद कर दिया है. केस बंद होने के साथ कई खुलासे किए गए हैं. हैदराबाद पुलिस ने केस क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी है जिसमें कहा गया है कि, रोहित दलित नहीं था. पुलिस ने तेलंगाना हाईकोर्ट में दावा किया है कि रोहित इस बात को जानता था कि वह दलित नहीं था और यह सच बाहर न आए इसके डर से उसने आत्महत्या कर ली थी.

गौरतलब है कि, जनवरी 2016 में रोहित वेमुला की मौत के बाद विश्वविद्यालय में दलितों के खिलाफ भेदभाव को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन हुए थे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले को संसद भवन में भी उठाया था. जब यह घटना हुई थी तब तेलंगाना में चंद्रशेखर राव की सरकार थी.

क्या है वेमुला मामला

हैदराबाद विश्वविद्यालय में कथित जाति-संबंधी भेदभाव के कारण पीएचडी छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के आठ साल बाद, तेलंगाना पुलिस ने एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की है जिसमें कहा गया है कि उसकी मौत के लिए कोई भी दोषी नहीं है और वेमुला दलित भी नहीं था. 17 जनवरी, 2016 को हॉस्टल के एक कमरे में वेमुला को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए तत्कालीन वीसी और अन्य को दोषी ठहराने के लिए सबूतों की कमी का हवाला देते हुए, क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि संभवत उन्हें धोखाधड़ी से एससी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए बेनकाब होने का डर था.

कौन था रोहित वेमुला

रोहित वेमुला हैदराबाद यूनिवर्सिटी का एक छात्र थे जो एक संगठन अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्य भी थे. 17 जनवरी 2016 को रोहित अपने होस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी. उसके मौत की खबर आने के बाद देशभर के यूनिवर्सिटी में छात्रों में प्रदर्शन शुरू हो गए थे. वे हैदराबाद यूनिवर्सिटी के उन पांच छात्रों में शामिल थे. जिन्हें हॉस्टल से निकाल दिया गया था. साल 2015 में रोहित सहित इन सभी छात्रों पर आरोप लगा था कि उन्होंने ABVP के सदस्यों पर हमला किया था.

वेमुला की मां ने जांच पर किया शक

मृतक की मां और अन्य लोगों ने जांच के संचालन पर शक व्यक्त किया है.डीजीपी ने कहा , मामले में आगे की जांच की अनुमति देने के लिए मजिस्ट्रेट से अनुरोध करते हुए एक याचिका दायर की जाएगी. वेमुला के परिवार ने कहा कि वे उस रिपोर्ट को कानूनी रूप से चुनौती देंगे, जिसे उन्होंने "झूठ से भरा" और हास्यास्पद बताया है. “उनकी आत्महत्या के बाद, राहुल गांधी और कांग्रेस ने हमारे मुद्दे का समर्थन किया और न्याय मिलने तक हमारे साथ खड़े रहने का वादा किया लेकिन, तेलंगाना में उनकी पार्टी के सत्ता में आने के चार महीने के भीतर ही पुलिस ने मामला बंद कर दिया जो बेहद चौंकाने वाला है.

पुलिस ने केस क्लोजर रिपोर्ट में क्या कहा

पुलिस ने वेमुला केस क्लोजर रिपोर्ट में दावा किया कि रोहित को अपनी जाति का सच सामने आने का डर था. पुलिस ने कहा कि, रोहित खुद को ST जाती का बताया था लेकिन वह इस जाति का नहीं था. रोहित को पता था कि उनकी मां ने उन्हें अनुसूचित जाति (SC) का सर्टिफिकेट दिलवाया था और इसी आधार पर रोहित ने एकेडमिक उपलब्धियां हासिल की थीं. पुलिस ने तेलंगाना हाईकोर्ट को बताया कि,  रोहित वेमुला को डर था कि अगर उसकी जाति की सच्चाई सामने आ गई तो उनके खिलाफ कानूनी कार्वाई हो सकती है.

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