Swami Prasad Maurya On Hindutwa: समाजवादी पार्टी के नेता और राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बोल एक बार फिर बिगड़ गए है. उन्होंने एक बार फिर सनातन धर्म के खिलाफ अपमानजनक बातें कही हैं. हमेशा हिन्दू धर्म के खिलाफ जहर उगलने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर अपने बयानों की वजह से विवादों में घिरे रहते हैं. उन्होंने हिन्दू धर्म का अपमान करते हुए कहा कि 'हिन्दू कोई धर्म नहीं बल्कि धोखा है'. इसे लेकर ब्राह्मण सामज के लोगों में खास गुस्सा है और उन्होंने इस बयान की निंदा की है.
#WATCH दिल्ली: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है, ''... हिंदू एक धोखा है... वेसै भी 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं है, यह जीवन जीने की एक शैली है। RSS प्रमुख मोहन भागवत ने भी दो बार कहा है कि चुके हैं कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है,… pic.twitter.com/7nVsBK56jL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2023
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'हिन्दू एक धोखा है'. इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी ये मानती है कि 'हिंदू कोई धर्म नहीं है, यह जीवन जीने की एक शैली है' उन्होंने आगे RSS प्रमुख मोहन भागवत के बारे में भी कहा कि उन्होंने भी कहा था कि "हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है." लेकिन इनके ऐसा कहने से किसी भी भावना आहत नहीं होती है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सनातन के खिलाफ बयानबाजी करते हुए हिन्दू धर्म को धंधा बताया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनसे पहले भी कई लोगों ने यहाँ तक कि खुद प्रधानमंत्री ने कहा था कि हिन्दू कोई धर्म नहीं है, बल्कि एक जीवन शैली है. लेकिन इनकी वजह से किसी की भवन आहत नहीं होती है.
उन्होंने आगे कहा कि "जब मैं ये बात कहता हूँ कि हिन्दू कोई धर्म नहीं बल्कि धोखा है और जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं तो यह कुछ लोगों के लिए धंधा है" तो लोगों की भावना आहत हो जाती है. उन्होंने उल्टा लोगों पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री और RSS प्रमुख यही बातें कहते हैं तो किसी को बुरा नहीं लगता है.
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के हिन्दू धर्म के खिलाफ अपमानजनक बातें बोलने के खिलाफ ब्राह्मण समाज ने आवाज उठाई है. 25 दिसम्बर को समाजवादी पार्टी की महा ब्राह्मण समाज पंचायत हुई थी. इस पंचायत में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी हिस्सा लिया था. पंचायत के दौरान ब्रह्म समाज ने अखिलेश यादव के सामने स्वामी प्रसाद के बयान का मुद्दा उठाते हुए उसकी निंदा की है. हालांकि इस दौरान ब्राह्मण नेताओ ने स्वामी प्रसाद का नाम लिए बगैर ही अखिलेश यादव से इसकी शिकायत की.
25 दिसम्बर को समाजवादी पार्टी की महा ब्राह्मण समाज पंचायत में ब्राह्मण समाज द्वारा स्वामी प्रसाद के बयान का मुद्दा उठाने के बाद खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने माना कि किसी धर्म या जाति विशेष पर किसी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं है. आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ब्राह्मण समाज को साधने में जुटे अखिलेश यादव ने कहा कि हम सभी जाति व धर्मों का सम्मान करते हैं. हालांकि उनकी पार्टी के नेताओं के बयानों से ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है.