Bihar Politics: दिल्ली में चल रही JDU पदाधिकारियों की बैठक खत्म, ललन सिंह को लेकर सामने आया बड़ा अपडेट

Bihar Politics: दिल्ली में चल रही JDU पदाधिकारियों की बैठक खत्म हो गई है. मीटिंग में ललन सिंह को लेकर बड़ा फैसला हुआ है.

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Bihar Politics: दिल्ली में जेडीयू पदाधिकारियों की बैठक गुरुवार को हुई. इस बैठक के बाद दिल्ली जेडीयू अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने कहा कि ललन सिंह अध्यक्ष हैं, पहले भी थे और आगे भी रहेंगे. उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर यानी शुक्रवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद की बैठक होगी.

खबरों के अनुसार, शुक्रवार को होने वाली बैठक में ललन सिंह का जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते है और नीतीश कुमार इस पद की कमान संभाल सकते हैं. बता दें, पहले भी नीतीश कुमार जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं. ऐसे में शुक्रवार को होने वाली बैठक पर अब सबकी नजरें टिकी हुई हैं.

बिहार की राजनीति में जारी अस्थिरता का दौर 

बिहार की सियासत में इन दिनों काफी हलचल है. कल यानि 26 दिसम्बर को ये खबर आई कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि बाद में जेडीयू नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसका खंडन कर दिया. इसके बाद से ही ये कयास लगाए जाने लगे कि नीतीश कुमार फिर से एनडीए में जाने वाले हैं. 

' नीतीश का आरजेडी के साथ जाना गलत कदम'

कयासों को और हवा देते हुए मंगलवार को आरएलजेडी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नीतीश का लालू यादव की पार्टी के साथ जाना बेहद ही गलत कदम था. उन्होंने कहा कि "नीतीश कुमार का आरजेडी के साथ जाना आत्मघाती कदम था." इसके साथ ही उन्होंने नीतीश की पैरवी की भी पेशकश कर दी.

उन्होंने आगे कहा कि "अगर नीतीश कुमार सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करें कि आरजेडी से उनका संबंध टूट गया और अगर एनडीए में फिर से शामिल होने की बात होगी तो फैसला बीजेपी के लोग करेंगे लेकिन हम उनके लिए पैरवी जरूर कर देंगे."

'बीजेपी भाव नहीं दे रही इसलिए बौखलाए हैं उपेन्द्र कुशवाहा'

उपेन्द्र कुशवाहा के बयान के बाद चारों तरफ जहां नीतीश और NDA को लेकर चर्चा है, तो वही दूसरी ओर इस पूरे मामले पर बोलते हुए आरजेडी के प्रवक्ता एजाज अहमद  ने उपेन्द्र कुशवाहा को ही आईना दिखाया. उन्होंने कहा कि "उपेंद्र कुशवाहा खुद को और अपनी पार्टी को देखें कि कहां पर हैं. वो बीजेपी की पिच पर जाकर खेलना चाह रहे हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी उनको भाव नहीं दे रही है. जिस तरह के चक्रव्यूह में बीजेपी ने उपेंद्र कुशवाहा को फंसाया है वो बेचैनी में हैं और बौखलाहट में हैं". हालांकि इन तमाम सियासी उठा पटक के बीच नीतीश कुमार का फैसला क्या होगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.