कब पटरी पर लौटेगी मणिपुर के लोगों की जिंदगी? आज खुले राज्य के सभी स्कूल, इंटरनेट पर अब भी रोक

मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा के कारण राज्य की प्रगति काफी धीमी हो गई है. राज्य में कई दिनों तक स्कूल बंद रहने के कारण बच्चे की पढ़ाई भी काफी प्रभावित हुई है. हालांकि आज से राज्य के स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोल दिया गया है.

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Courtesy: Social Media

Manipur Violence: मणिपुर में काफी लंबे समय से तनाव का माहौल है. दो समुदायों के बीच चल रहे तनाव के लोगों का आम जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहें, कई इलाकों में कर्फ्यू लगा है और राज्य में कई दिनों तक इंटरनेट सेवाएं रोक दी जा रही है. हालांकि अब हालात में थोड़ी सुधार होती नजर आ रही है. राज्य के स्कूलों और कॉलेजों को आज से खोल दिया गया है. हालांकि इंटरनेट सेवा और कर्फ्यू अब भी जारी है. 

मणिपुर के जिरीबाम जिले से 6 लोग लापता हो गए. जिसके बाद उनके शव को नदी के किनारे पाया गया था. जिसके बाद राज्य में तनाव की स्थिति उत्तपन्न हो गई थी. सड़कों पर हो रहे भारी प्रदर्शन के कारण 13 नवंबर से स्कूलों और सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद आज से इन्हें वापस खोल दिया गया है. 

राज्य की प्रगति पर पड़ रहा असर 

मणिपुर में चल रहे विवाद ने राज्य की प्रगति को काफी प्रभावित किया है. यह विवाद मुख्य रूप से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच चल रहे वर्चस्व को लेकर है. इस संघर्ष के कारण हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं. कुछ दिनों पहले, जिरीबाम जिले में शव मिलने के बाद शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी, सहायता प्राप्त, निजी और केंद्रीय विद्यालयों में कक्षाएं अगले आदेश तक बंद करने का निर्णय लिया था. हालांकि, अब स्थिति में सुधार होने के बाद शिक्षा निदेशालय ने शैक्षिक संस्थानों को फिर से खोलने का आदेश जारी किया है.

हालांकि स्कूल और कॉलेजों की गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं. लेकिन राज्य में हिंसा को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए कर्फ्यू आदेश अभी भी लागू हैं. अभी तक यह पुष्टि नहीं की गई है कि इन शैक्षिक संस्थानों के खुलने के बाद कर्फ्यू भी खत्म हो जाएगी या नहीं. इटनेट सेवा को लेकर भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है. 

दो समुदायों का विवाद 

यह पूरा मामला 2023 से शुरू हुआ, जब मणिपुर के रहने वाले दो समुदाय आपस में भीड़ गए. मैतेई औक कुकी समाज के बीच यह पूरा विवाद आरक्षण के मामले से शुरू हुआ था. हालांकि बाद में यह विवाद बढ़ता ही चल गया. दोनों एक दूसरे के समाज की महिलाओं और बच्चों पर हिंसा करने लग गए. पिछले साल महिलाओं को नग्न करके पूरे गांव में घुमाया गया था और उसकी वीडियो भी बनाई गई थी. जिसके कारण इस मामले पर पूरे देश की नजर थी. संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान भी विपक्ष द्वारा लगातार मणिपुर का मामला उठाया जा रहा है. अब तक इस विवाद में 250 से भी ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. वहीं हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं. 

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