नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि आईआरसीटीसी के माध्यम से ऑनलाइन टिकट बुक करते समय यात्रियों को रेलवे काउंटरों पर जाकर टिकट खरीदने की तुलना में अधिक भुगतान करना पड़ता है. इसका कारण बताया गया है 'सुविधा शुल्क' और 'लेन-देन शुल्क' जो ऑनलाइन टिकट बुकिंग में जुड़ा होता है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में लिखित जवाब में बताया कि आईआरसीटीसी ऑनलाइन टिकटिंग सुविधा प्रदान करने में भारी खर्च करता है. इस खर्च का भुगतान करने के लिए आईआरसीटीसी टिकटों पर सुविधा शुल्क लगाता है. इसके अलावा, यात्रियों को बैंकों को लेन-देन शुल्क भी अदा करना पड़ता है, जिससे टिकट की कुल कीमत में वृद्धि हो जाती है.
वैष्णव ने यह भी स्पष्ट किया कि आईआरसीटीसी द्वारा प्रदान की गई ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा भारतीय रेलवे की यात्रियों के लिए सबसे सुविधाजनक पहल में से एक है. वर्तमान में, आरक्षित टिकटों का 80 प्रतिशत से अधिक ऑनलाइन बुक किया जाता है. इससे यात्रियों को काउंटर पर खड़े होने की आवश्यकता नहीं होती और उनके समय तथा परिवहन लागत में भी बचत होती है.
रेल मंत्री ने यह माना कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए भुगतान किए जाने वाले अतिरिक्त शुल्क के बावजूद यह सुविधा यात्रियों के लिए काफी लाभकारी है. उन्होंने इस प्रक्रिया को यात्रियों के लिए सहज और समय-बचत करने वाली बताते हुए कहा कि यह रेलवे की एक बड़ी पहल है.
हालांकि ऑनलाइन टिकट बुकिंग काउंटर पर टिकट खरीदने से महंगी पड़ती है, लेकिन यह सुविधा यात्रियों के लिए समय और श्रम बचाने वाली है. रेल मंत्रालय ने इस समस्या पर प्रकाश डाला है और आगे भी इस पर विचार करने की बात की है.
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