चंडीगढ़: पंजाब की भगवंत मान सरकार ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखते हुए ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ नाम से एक क्रांतिकारी पहल शुरू की है.इस परियोजना का मकसद घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न या किसी भी तरह के दुर्व्यवहार से पीड़ित महिलाओं-बच्चों तक बिना देरी के सहायता पहुंचाना है. अब कोई भी पीड़िता डर या शर्म के कारण चुप नहीं रहेगी – बस 181 डायल करना है और मदद तुरंत दरवाजे पर होगी.
सामाजिक सुरक्षा महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ का सबसे बड़ा लक्ष्य वह डर खत्म करना है जो पीड़िताओं को शिकायत करने से रोकता है.मंत्री ने सभी महिलाओं से अपील की कि अपने फोन में 181 नंबर जरूर सेव कर लें.कॉल आने पर उसे तीन कैटेगरी में बाँटा जाएगा:
इमरजेंसी – तुरंत ERSS-112 को ट्रांसफर
नॉन-इमरजेंसी – वन-स्टॉप सेंटर, कानूनी और मनोवैज्ञानिक मदद
सूचना – आगे की कार्रवाई के लिए रिकॉर्ड
हर जिले में पीड़िताओं को लाने-ले जाने के लिए समर्पित वाहन तैनात किए गए हैं.चंडीगढ़ में हाई-टेक कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करेगा जो कॉल मॉनिटरिंग के साथ-साथ सभी महिला कल्याण योजनाओं की जानकारी भी देगा.
डॉ. बलजीत कौर ने कहा, “मुख्यमंत्री भगवंत मान का सपना है कि पंजाब की हर बेटी बिना डर के जीए.इसके लिए सामाजिक सुरक्षा विभाग, पंजाब पुलिस और स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम करेंगे.”
तुरंत बचाव और मेडिकल मदद
मुफ्त कानूनी सहायता
मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग
शेल्टर होम और सरकारी योजनाओं से जोड़ना
घरेलू हिंसा अधिनियम व POCSO एक्ट का सख्ती से पालन
मंत्री ने भावुक अपील करते हुए कहा, “ये परियोजना कागजों की योजना नहीं, बल्कि उन लाखों माँ-बहनों-बेटियों के लिए ढाल है जो आज भी चुप्पी की दीवारों में कैद हैं.अब पंजाब में कोई पीड़िता असहाय नहीं रहेगी.”सरकार ने सभी नागरिकों से अनुरोध किया है कि महिलाओं-बच्चों के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना की जानकारी 181 या बच्चियों के लिए 1098 पर तुरंत दें.‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ के साथ भगवंत मान सरकार ने साबित कर दिया कि महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ नारा नहीं, उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है.