Bhagwant Mann Girdawari Campaign: पंजाब में हाल ही में आई भयानक बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए आज से विशेष गिरदावरी अभियान शुरू हो गया है. पंजाब सरकार ने इस अभियान को तेज, पारदर्शी और परिणाममुखी बनाने के लिए 2167 पटवारियों को तैनात किया है. यह कदम बाढ़ प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा देने के लिए उठाया गया है.
राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देश पर यह अभियान शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि हर बाढ़ पीड़ित को 45 दिनों के अंदर मुआवजा मिलेगा. यह उनका हक है, कोई अहसान नहीं. मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि किसी भी लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी.
विशेष गिरदावरी के लिए 2167 पटवारी तैनात किए गए हैं. इनमें अमृतसर में 196, गुरदासपुर में 343, होशियारपुर में 291, पटियाला में 141 और फाजिल्का में 110 पटवारी शामिल हैं. ये टीमें गांव-गांव जाकर खेतों, घरों और पशुओं के नुकसान की जांच करेंगी. गैर-प्रभावित क्षेत्रों के अधिकारियों को भी प्रभावित गांवों में भेजा गया है ताकि काम जल्द पूरा हो सके. पंजाब सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए अब तक का सबसे बड़ा मुआवजा पैकेज घोषित किया है. फसलों के नुकसान के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये, पूरी तरह ढहे घरों के लिए एक लाख 20 हजार रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 40 हजार रुपये और पशुओं के हानि होने पर गाय या भैंस के लिए 37,500 रुपये और बकरी के लिए 4,000 रुपये का ऐलान किया गया है. मंत्री ने बताया कि प्रभावित लोग एक हफ्ते के अंदर अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं. सुधार के लिए तुरंत कदम उठाए जाएंगे.
ताजा रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में 1,98,525 हेक्टेयर फसल क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हुआ है. सबसे ज्यादा नुकसान गुरदासपुर (40,169 हेक्टेयर), अमृतसर (27,154 हेक्टेयर) और फाजिल्का (25,182 हेक्टेयर) में हुआ है. इसके अलावा, पिछले 24 घंटों में मोगा में एक और मौत के साथ कुल 56 लोगों की जान जा चुकी है. मंत्री मुंडियां ने कहा कि सरकार इस प्रक्रिया की रोजाना निगरानी करेगी. पूरी तरह तबाह फसलों वाले गांवों में एक महीने में राहत दी जाएगी. घरों और पशुओं के नुकसान का मुआवजा 15 सितंबर से वितरण शुरू हो जाएगा. पंजाब सरकार ने वादा किया है कि 45 दिनों के अंदर सभी प्रभावित लोगों को मुआवजा मिलेगा. यह अभियान न केवल तेजी से पूरा होगा, बल्कि पूरी तरह पारदर्शी भी रहेगा. सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी पीड़ित परिवार अपने हक से वंचित न रहे. यह विशेष गिरदावरी अभियान पंजाब के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो बाढ़ पीड़ितों को समय पर राहत और न्याय दिलाने में मदद करेगा.