'सीएम दी योगशाला' ने रचा इतिहास, 2 लाख लोग कर रहे मुफ्त योग; युवाओं को मिला रोजगार

सरकार ने इस योजना को आम लोगों के लिए बेहद सरल और सुलभ बनाया है. कोई भी नागरिक आसानी से एक समूह बनाकर सरकार से अपने पड़ोस में ही एक मुफ़्त योग प्रशिक्षक की मांग कर सकता है.

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Courtesy: Social Media

पंजाब सरकार की अनूठी पहल 'सीएम दी योगशाला' ने न केवल राज्य के स्वास्थ्य परिदृश्य को बदल दिया है, बल्कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली भगवंत मान सरकार की जन-केंद्रित नीतियों का एक चमकदार उदाहरण प्रस्तुत किया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदर्शिता से प्रेरित यह प्रयास योग को केवल व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवनशैली बना रहा है, जो तनाव, मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी आधुनिक बीमारियों से लड़ने में सहायक सिद्ध हो रहा है. यह योजना पंजाब को नशा-मुक्त और फिट बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है.

इस योजना की सफलता का एक बड़ा प्रमाण इसका अभूतपूर्व विस्तार है. सरकार ने इसे मात्र एक साल में चार चरणों में लागू किया. अप्रैल 2023 में 4 बड़े शहरों से शुरू हुई यह पहल, जहां 100 से अधिक प्रशिक्षकों ने 500 से ज्यादा कक्षाएं शुरू कीं, जल्द ही जून 2023 तक 9 शहरों तक पहुंच गई और 50,000 से अधिक लोग इससे जुड़ गए. जनवरी 2024 में तीसरे चरण में 1,500 प्रशिक्षकों के साथ सभी शहरी क्षेत्रों को कवर किया गया और मार्च 2024 से चौथा चरण इसे गाँवों और ब्लॉकों तक ले गया. आज, यह पहल पंजाब के सभी 23 जिलों और 146 ब्लॉकों में पहुँच चुकी है, जो सरकार की ज़मीनी स्तर पर मज़बूत प्रशासनिक इच्छाशक्ति और कुशल कार्यान्वयन का प्रतीक है.

आज इस पहल की लोकप्रियता का आलम यह है कि पूरे पंजाब में लगभग 2 लाख नागरिक इन मुफ्त योग कक्षाओं का लाभ उठा रहे हैं—यह संख्या मार्च 2025 में 1 लाख थी. राज्य भर में 4,581 से अधिक योगशालाएँ प्रतिदिन सुबह और शाम आयोजित की जा रही हैं. यह विशाल भागीदारी दर्शाती है कि लोगों ने इस पहल को खुले दिल से अपनाया है और यह कार्यक्रम सही मायने में एक "जन लहर" बन चुका है, जो पंजाब के लोगों को एक स्वस्थ और सुखी जीवन की ओर ले जा रहा है.

मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदर्शिता इस योजना के दोहरे उद्देश्य में स्पष्ट झलकती है. यह पहल न केवल नागरिकों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत कर रही है, बल्कि यह युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर भी पैदा कर रही है. सरकार ने इस कार्यक्रम को चलाने के लिए 2,630 प्रमाणित योग प्रशिक्षकों को नियुक्त किया है, जिससे पंजाब के युवाओं को एक सम्मानित करियर मिला है और उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा मिली है.

सरकार ने इस योजना को आम लोगों के लिए बेहद सरल और सुलभ बनाया है. कोई भी नागरिक आसानी से एक समूह बनाकर सरकार से अपने पड़ोस में ही एक मुफ़्त योग प्रशिक्षक की मांग कर सकता है. सरकार तुरंत एक प्रशिक्षित ट्रेनर नियुक्त करती है, जो पार्कों, सामुदायिक हॉलों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कक्षाएं संचालित करता है. यह 'स्वास्थ्य सेवा आपके द्वार' का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो पूरी तरह से निःशुल्क है.

'सीएम दी योगशाला' का सबसे बड़ा प्रभाव पंजाब के लोगों के स्वास्थ्य पर दिख रहा है. हज़ारों प्रतिभागी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि योग से उन्हें चमत्कारी लाभ मिले हैं. लोगों ने पुरानी पीठ दर्द, सर्वाइकल पेन, घुटनों के दर्द, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के प्रबंधन में महत्वपूर्ण सुधार की सूचना दी है. इसके अलावा, बेहतर नींद, बढ़ी हुई ऊर्जा, तनाव और अवसाद में कमी जैसे मानसिक स्वास्थ्य लाभ भी व्यापक रूप से रिपोर्ट किए गए हैं.

यह योजना पंजाब के सामाजिक ताने-बाने को भी मजबूत कर रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी पहुँच ने विशेष रूप से महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बनाया है, जो अब अपने घर के पास ही स्वास्थ्य लाभ ले पा रहे हैं. इस पहल को राज्य के 'नशों के विरुद्ध युद्ध' अभियान से भी जोड़ा गया है, जहाँ योग युवाओं को मानसिक मज़बूती देकर एक सकारात्मक और स्वस्थ विकल्प प्रदान कर रहा है, जिससे समाज अधिक सामंजस्यपूर्ण बन रहा है.

भगवंत मान सरकार की 'सीएम दी योगशाला' योजना पंजाब के लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक है. यह एक "निवारक स्वास्थ्य क्रांति" है जो स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक एकता को एक साथ बढ़ावा दे रही है. यह योजना न केवल पंजाबियों के जीवन को बेहतर बना रही है, बल्कि पूरे देश के लिए एक सफल जन-स्वास्थ्य मॉडल पेश कर रही है. इस शानदार और दूरदर्शी प्रयास के लिए पंजाब सरकार बधाई की पात्र है.

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