चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करने के लिए एक बड़े स्तर पर अभियान की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की दिशा और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस की पहल पर स्कूल शिक्षा विभाग पूरे राज्य में ‘अभिभावक भागीदारी’ नामक विशेष कार्यशाला श्रृंखला आयोजित कर रहा है.
यह कार्यक्रम स्कूल प्रबंधन समितियों (SMCs) के सहयोग से शिक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पहल को बेहद अहम बताते हुए कहा कि सरकार सिर्फ आधुनिक और आकर्षक स्कूल भवन ही नहीं बना रही, बल्कि एक ऐसी मजबूत शिक्षा व्यवस्था तैयार कर रही है जो बच्चों को बेहतर भविष्य देने में सक्षम हो.
उन्होंने स्पष्ट कहा कि माता-पिता की सक्रिय भागीदारी ही इस अभियान की रीढ़ है, क्योंकि घर और स्कूल के बीच मजबूत संबंध ही किसी छात्र के संपूर्ण विकास का आधार बनते हैं. उच्च अधिकारियों के अनुसार, इन कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों को शिक्षा व्यवस्था से पूरी तरह जोड़ना है.
विभाग का मानना है कि जब माता-पिता को अपने बच्चे की प्रगति, स्कूल में उपलब्ध संसाधनों, सरकारी पहलों और स्कूल विकास से जुड़े कार्यों की पूरी समझ होगी, तभी वे शिक्षा प्रक्रिया में प्रभावी भूमिका निभा पाएंगे. यह पहल स्कूल और परिवार के बीच एक स्थायी और भरोसेमंद संवाद का पुल बनाएगी.
कार्यशाला श्रृंखला का औपचारिक शुभारंभ 20 दिसंबर 2025 को होने वाले राज्यव्यापी मेगा टीचर-पेरेंट मीट के साथ होगा. इस दिन पूरे राज्य में माता-पिता और शिक्षकों के बीच व्यापक संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसके जरिए दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं, सुझावों और अपेक्षाओं को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे.
इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग ने चार-स्तरीय प्रशिक्षण ढांचा तैयार किया है. इसकी शुरुआत राज्य स्तर पर मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण से होगी. इसके बाद जिला स्तर पर प्रशिक्षकों को तैयार किया जाएगा. तीसरे चरण में ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी और अंत में चौथे चरण में स्कूल स्तर पर अभिभावकों को कार्यशालाओं के माध्यम से आवश्यक जानकारी और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाएगा.
यह पूरा प्रयास मुख्यमंत्री मान और शिक्षा मंत्री बैंस की दूरदर्शी सोच का हिस्सा है, जिसके तहत सरकारी स्कूलों को देश के सबसे उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार का विश्वास है कि जब माता-पिता, शिक्षक और स्कूल एक टीम की तरह काम करेंगे, तभी पंजाब की शिक्षा प्रणाली वास्तविक बदलाव की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाएगी.