Punjab: पंजाब सरकार के अनेक प्रयासों के बाद भी किसान प्रदेश में पराली जलाने से खुद को रोक नहीं पा रहे है. जिसके कारण पराली जलाने की घटनाओं में अधिक वृद्धि देखी जा रही है. वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पराली जलाने से हो रही घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, चिंता जताई और पंजाब के मुख्य सचिव व केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के सद्स्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए सख्त निर्देश दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक, इस नोटिस में बताया गया है कि, पंजाब में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल पराली जलाने की घटनाएं अधिक देखी जा रही है.
बता दें कि इस पूरे मामले पर आने वाले 8 नवंबर को सुनवाई होगी. वहीं एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव पर आधारित खंठपीट ने बयान दिया कि, तरनतारन व अमृतसर में इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में 63% की बढ़ोत्तरी हुई है. जबकि इस मामले पर किसानों की ओर से बताया गया है कि, वो पराली जलाना तो नहीं चाहते परन्तु उनके पास कोई और रास्ता भी नहीं है. इसके साथ ही सरकार किसी प्रकार की मदद भी नहीं कर रही है.
वहीं पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार पराली जलाने की घटनाओं में थोड़ी कमी आई है. जबकि (प्रिन्टेड सर्किट बोर्ड) पीपीसीबी ने सरकार की ओर से बताया कि, सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कई निर्णय लिए हैं. परन्तु खंडपीठ की ओर से बताया गया कि, जिन जगहों पर सितंबर से नंवबर तक पराली ज्यादा जलाई जाती है. उस स्थान पर अफसरों को अधिक ध्यान देने की जरूरत है. इतना ही नहीं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने बताया कि, पिछले वर्ष पराली जलाने की 49.992 घटनाएं सामने आई थी, जबकि इस साल इसमें 50% की कमी करने का लक्ष्य रखा गया है.