डीपफेक टेक्नोलॉजी के बारे में आपने काफी कुछ सुना होगा. असल में, यह एक ऐसी तकनीक है, जिसमें AI की मदद से किसी भी इंसान का एक नकली रूप बनाया जा सकता है जो दिखने, बोलने, सुनने, हाव-भाव से असली इंसान के जैसा दिखता है. हालांकि इस खतरनाक तकनीक का उपयोग करके तमाम साइबर अपराधी धोखाधड़ी कर रहे हैं.
पिछले महीने अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में मंदाना का फेस दिखाया था लेकिन, असल वो नहीं थी. हालांकि, अब सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए AI को रेगुलेट करने जा रही है.
AI की मदद से कई सेलेब्स का डीपफेक वीडियो बनाया गया है जिसमें से रश्मिका मंदाना भी शामिल है. पिछले महीने रश्मिका का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में मंदाना का फेस दिखाया था लेकिन, असल वो नहीं थी. इसके अलावा सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली भी डीपफेक वीडियो का शिकार हो चुके हैं.
इन सभी सेलेब्स के नकली रूप को बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाता है ताकि, वे आम लोगों को उनके नाम ठग सकें और उनके साथ धोखाधड़ी कर सकें. हालांकि सरकार इस मामले पर अब एक्शन लेने जा रही है. भारत सरकार डीपफेक टेक्नोलॉजी के गलत यूज को लेकर काफी चिंतित है जिससे निपटने के लिए कई कार्य योजना तैयार कर रही है ताकी लोगों को आगे कई परेशानी न हो.
भारत सरकार AI को रेगुलेट करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए सरकार एक रूपरेखा बना रही है, जिसका ड्राफ्ट जून-जुलाई तक पेश कर दिया जाएगा. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इसके बारे में जानकारी दी.
इस दौरान उन्होंने बताया कि "सरकार एक रूपरेखा तैयार कर रही है जिसके जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI को रेगुलेट किया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि, AI आर्थिक विकास के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन इसके दुरुपयोग को रोकने की सख्त जरूरत है."