Haryana Vidhan Sabha Winter Session: आज यानि 15 दिसम्बर से हरियाणा विधनसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो रही है. तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र 19 दिसम्बर को खत्म हो जाएगा. इस दौरान बीच में 16 और 17 दिसम्बर को अवकाश भी रहेगा. जिसकी वजह से विपक्ष सत्र को बढ़ाने की मांग कर रहा है. हालांकि कार्य समिति की बैठक में इसे नामंजूर कर दिया गया है. इसके साथ ही सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है. जबकि खट्टर सरकार भी विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार नजर आ रही है.
'उनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है'
आज हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान जबरदस्त हंगामा होने की उम्मीद है. हालांकि हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार नजर आ रही है. गुरुवार को विपक्ष पर हमलावर होते हुए कहा कि उनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है, उनके सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से चार नए बिल पेश किये जा सकते हैं.
मृत शरीर सम्मान विधेयक समेत 4 विधेयक किये जा सकते हैं पेश
शीतकालीन सत्र के दौरान खट्टर सरकार की ओर से चार विधेयक पेश किये जा सकते हैं. इन विधेयकों में मृत शरीर सम्मान विधेयक के साथ ही होटल में हुक्का परोसने पर कार्रवाई, निजी विश्वविद्यालय से संबंधित बिल और कबूतरबाजी पर शिकंजा से संबंधित बिल शामिल हैं. बता दें कि हरियाणा सरकार होटलों और रेस्टोरेंट्स मे हुक्का परोसने वालों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है. इसके तहत होटल या किसी भी सार्वजनिक जगह पर हुक्का परोसने वाले पर 1 लाख रूपी से 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा. इतना ही नहीं, ऐसे होटल मालिकों के खिलाफ गैर जमानती धार के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. हालांकि इस बीच गांवों और चौपालों पर पारंपरिक हुक्के की छूट रहेगी.
शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करने पर होगी कार्रवाई
हरियाणा सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान मृत शरीर सम्मान विधेयक भी पेश कर सकती है. इसके तहत कोई भी शव को सड़क पर रख कर प्रदर्शन नहीं कर सकेगा. आगे कोई ऐसा करता है तो उसपर जुर्माने के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. वही इसके साथ ही, अगर कोई शव के साथ विरोध प्रदर्शन करता है तो उस स्थिति मे शव के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन पर होगी.
इसके अलावा सरकार पंजाब और चंडीगढ़ की तर्ज पर रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन ऑफ द ट्रैवल एजेंसीज एक्ट बिल भी पेश कर सकती है. इसके तहत हर ट्रैवल एजेंसी के लिए लाइसेंस लेना और रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही सरकार निजी विश्वविद्यालय विधेयक के तहत निजी विश्वविद्यालयों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी मे है. इस विधेयक के तहत सरकार छात्रों को आरक्षण से अड्मिशन और फीस मे छूट नहीं देने पर निजी विश्वविद्यालयों पर नकेल कसेगी.