Haryana Floor Test: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार ने बुधवार (13 मार्च) को हरियाणा विधानसभा में विश्वासमत हासिल कर लिया. ध्वनिमत से विश्वास प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. राज्य में सियासी उठापटक के बाद मुख्यमंत्री का बदलाव किया गया. मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफ़े के बाद नायब सैनी को राज्य का सीएम बनाया गया है. मंगलवार शाम को ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. हालाँकि शपथ के अगले दिन यानी आज बुधवार को विश्वास मत हासिल करने की परीक्षा दी. जो उन्होंने पास कर ली है.
ऐसे में फ़्लोर टेस्ट से पहले जेजेपी ने अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया है लेकिन उसके बावजूद जेजेपी के तीन विधायकों ने व्हिप को ठुकरा दिया और फ़्लोर टेस्ट में हिस्सा लेने के लिए विधानसभा पहुँच गए हैं. जबकि पार्टी ने अपने सभी विधायकों को विधानसभा में ना आने का आदेश जारी किया था. हालाँकि फ़्लोर टेस्ट से पहले ही अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि भाजपा यह टेस्ट पास कर लेगी. क्योंकि उसके पास तक़रीबन 48 विधायक थे जबकि सरकार बनाने के लिए बहुमत का आँकड़ा 46 था.
अनिल विज पर सभी की निगाहें
फ़्लोर टेस्ट में हरियाणा के दिग्गज भाजपा नेता और सरकार में मंत्री अनिल विज पर सभी की नज़रें टिकी रहीं. खट्टर सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाली विज ने मंगलवार को नए सीएम के शपथ समारोह में भी हिस्सा नहीं लिया था. बल्कि कहीं और अपने समर्थकों के साथ गोलगप्पों का लुत्फ़ ले रहे थे. ऐसे में फ़्लोर टेस्ट के दौरान अनिल विज को लेकर क़यास लगाए जा रहे हैं कि वो कुछ बड़ा कर सकते हैं.
नाराज़ क्यों हैं अनिल विज?
कहा जा रहा है कि अनिल विज को उम्मीद थी कि खट्टर के बाद उन्हीं के नाम पर विचार किया जाएगा. हालाँकि ऐसा नहीं हुआ. उन्हें लग रहा था कि खट्टर के बाद उन्हें ही सीएम के लायक़ माना जाएगा. लेकिन पार्टी की तरफ़ से नायब सैनी का नाम ऐलान करने के बाद से ही अनिल विज मीटिंग छोड़कर चले गए थे.