Asthma: देश में ठंड ने दस्तक देनी शुरू कर दी है. जैसे-जैसे तापमान गिरता है और सर्दी का मौसम आता है अस्थमा के लक्षण और भी अधिक गंभीर हो सकते हैं. अस्थमा एक पुरानी सांस की समस्या है जिसमें सांस लेने वाली नसों में सूजन आ जाती है. जिसकी वजह से सांस फूलना, छाती में दर्द और लगातार खांसी जैसी समस्याएँ होती हैं.
सर्दियों में ये लक्षण और भी बढ़ सकते हैं. इससे न केवल वयस्कों बल्कि बच्चों भी प्रभावित होते हैं. अस्थमा के लक्षणों की अनदेखी करने से स्थिति और भी ज्याद बिगड़ सकती है. इसलिए उचित उपचार की मदद से इन लक्षणों को नियंत्रित करना जरुरी है.
तुलसी
तुलसी की प्राकृतिक गुणधर्म श्वसन नलिकाओं से बलगम को निकालने में मदद करती है और सूजन को कम करती है. यह खांसी और कंजेशन को कम करने में प्रभावी है. इसे इस्तेमाल करने के लिए 5-10 तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालें. जब पानी गर्म हो जाए, तो इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं. इस मिश्रण को दिन में एक या दो बार पिएं, इससे खांसी में राहत मिलेगी और गले से बलगम निकल जाएगा. साथ ही आप ताजे तुलसी के 5-6 पत्ते रोज चबा सकते हैं या सलाद में मिला सकते हैं.
मुलहठी
मुलहठी को आयुर्वेद में कफ को नियंत्रित करने के लिए एक बेहतरीन उपाय माना जाता है. इसकी सांस लेने वाली नली भी शांत रहती है और बलगम को बाहर निकालने में मदद करती हैं. मुलहठी पाउडर को शहद या गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं. इससे छाती में कंजेशन में राहत मिलेगी. मुलहठी चाय बनाने के लिए आधे चम्मच मुलहठी पाउडर को चाय में डालें और 5-10 मिनट तक उबालें. इसे दिन में एक या दो बार पिएं.
अदरक
अदरक का उपयोग खांसी, कंजेशन और सूजन को कम करने में अत्यधिक प्रभावी है. यह बलगम को कम करता है श्वसन नलिकाओं को खोलता है और सांस लेने में मदद करता है. अदरक की एक छोटी सी गांठ को पानी में उबालकर उसमें शहद और नींबू का रस डालकर चाय तैयार करें. इस चाय को दिन में दो बार पिएं. इसके अलावा ताजे अदरक का रस शहद के साथ मिलाकर सेवन करें. इससे अस्थमा के लक्षणों में तेजी से राहत मिल सकती है.