भारत के बाद अमेरिका को भी मिली बड़ी कामयाबी, चंद्रमा के साउथ पोल पर उतारा लैंडर

America Moon Mission: यह किसी प्राइवेट कंपनी का पहला अंतरिक्षयान है, जिसने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतारा गया है. नासा की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, चंद्रमा पर ओडिसियस यान की लैंडिंग भारतीय समयनुसार 4 बजकर 53 मिनट पर हुई.

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हाइलाइट्स

  • भारत के बाद अमेरिका को भी मिली बड़ी कामयाबी
  • चंद्रमा के साउथ पोल पर उतारा लैंडर

America Moon Mission: अमेरिका की एक प्राइवेट इंटुएटिव मशीन्स ने नासा की मदद से चंद्रमा पर पना पहला मिशन सफलतापूर्वक लैंड करा दिया है. चंद्रमा की सतह पर संफलता पूर्वक लैंड होने वाला यह अंतरिक्षयान रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट लैंडर ओडिसियस है. बता दें, कि यह किसी प्राइवेट कंपनी का पहला अंतरिक्षयान है, जिसने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतारा गया है. नासा की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, चंद्रमा पर ओडिसियस यान की लैंडिंग भारतीय समयनुसार 4 बजकर 53 मिनट पर हुई. 

सफलतापूर्व लैंडिंग को को लेकर क्या बोला नासा?

नासा ने इस प्राइवेट ओडिसियस यान के सफलतपूर्वक चंद्रमा की सतह पर लैंड करने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, "बिना चालक दल वाला चंद्र लैंडर शाम 6:23 बजे ईटी (भारतीय समयनुसार  4 बजकर 53 मिनट) पर उतरा,  यह अंतरिक्ष यान नासा द्वारा वित्त पोषित और मानव रहित कामार्सियल रोबोटों का हिस्सा है. इस स्पेसक्राफ्ट से भविष्य में चंद्रमा पर मनुष्यों को ले जाने के आर्टेमिस कार्यक्रम 2026 में मदद मिलेगी.

इससे पहले साउथ पोल पर भारत को मिली थी सफलता

इससे पहले भारत ने चंद्रमा के ठंडे और खतरनाक दक्षिणी ध्रुव पर अपना अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक लैंड किया था. भारत का चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम पिछली साल अगस्त 2023 में चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित उतरा था.  अब वहीं अमेरिका का स्पेसक्राफ्ट ओडीसियस लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक पहुंच चुका है.  बता दें, कि अमेरिका ने अपोलो मिशन के बाद लगभग 50 साल बाद चंद्र अभियान शुरू किया है. इसके पहले अमेरिका ने चंद्रमा पर पहुंचने के लिए साल 1972 में अपोलो अभियान चलाया था.

दूसरा देश बना अमेरिका 

नासा के अनुसार, अमेरिका का ओडिसियस लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर मालापार्ट ए नाम के क्रेटर लैंड हुआ है. इस दौरान ऐसा माना जा रहा है कि भारत के बाद अमेरिका इस पोल पर पहुंचने वाला दूसरा देश बन गया है.  अमेरिका का यह चंद्र अभियान मात्र 16 दिनों का है, क्योंकि चंद्रमा के साउथ पोल पर जल्द ही अंधेरा छा जाएगा. यह लैंडर चंद्रमा पर मात्र 7 दिन तक ही एक्टिव रह सकेगा.