एस जयशंकर और शी जिनपिंग की खास मुलाकात, भारत-चीन संबंधों को नई दिशा देने की कोशिश

जयशंकर ने एक्स पर लिखा कि आज सुबह बीजिंग में एससीओ विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी से मिला. राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन पहुंचाया. उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति पर प्रकाश डाला. जयशंकर ने कहा कि हम अपने नेताओं के मार्गदर्शन को अहम मानते हैं.

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Courtesy: Social Media

India-China Relations: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. यह मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों के साथ हुई. जयशंकर ने शी जिनपिंग को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों के हालिया विकास पर चर्चा की. जयशंकर ने कहा कि भारत दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन को महत्व देता है. 

जयशंकर ने एक्स पर लिखा कि आज सुबह बीजिंग में एससीओ विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी से मिला. राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन पहुंचाया. उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति पर प्रकाश डाला. जयशंकर ने कहा कि हम अपने नेताओं के मार्गदर्शन को अहम मानते हैं. यह मुलाकात भारत-चीन संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

पांच सालों बाद पहली मुलाकात 

यह मुलाकात जयशंकर की चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग के साथ हुई बातचीत के एक दिन बाद हुई. चीनी सरकारी मीडिया शिन्हुआ के अनुसार, दोनों नेताओं ने संबंधों को बेहतर करने और सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया. हान ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में कज़ान में शी जिनपिंग और नरेंद्र मोदी की मुलाकात ने भारत-चीन संबंधों के लिए नया प्रारंभिक बिंदु बनाया. इस मुलाकात ने दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में कदम बढ़ाया. जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर सोमवार को बीजिंग पहुंचे. वे एससीओ सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. यह उनकी पहली चीन यात्रा है, जो 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद हो रही है. गलवान घटना के बाद भारत-चीन संबंधों में तनाव बढ़ा था. इस यात्रा से दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग की नई संभावनाएं खुली हैं.

द्विपक्षीय संबंधों का महत्व  

भारत और चीन के बीच संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं. जयशंकर की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापार, सीमा विवाद और अन्य मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा मिलेगा. गलवान झड़प के बाद से दोनों देशों ने कई बार बातचीत की है. कज़ान में मोदी और शी की मुलाकात ने संबंधों को नई दिशा दी. जयशंकर की शी जिनपिंग और हान झेंग से मुलाकात से सकारात्मक संदेश गया है. दोनों देश अब विश्वास और सहयोग बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं. भारत ने हमेशा शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंधों पर जोर दिया है. यह मुलाकात दोनों देशों के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है. भविष्य में ऐसी वार्ताएं और सकारात्मक कदम संबंधों को और मजबूत करेंगे.  

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