क्वारंटाइन, घर या कुछ और? अंतरिक्ष से लौटने के बाद क्या है शुभांशु शुक्ला का अगला प्लान

एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुक्ला अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बने. यह भारत के अंतरिक्ष इतिहास में गौरवपूर्ण क्षण है. वापसी के बाद, शुक्ला और उनके साथी नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर, ह्यूस्टन गए. वहां वे 10 दिन के क्वारंटाइन में रहेंगे.

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Courtesy: Social Media

Shubhanshu Shukla: भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज 18 दिनों बाद ISS से स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल ग्रेस में सवार होकर कैलिफोर्निया तट पर सुरक्षित लौटे. एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुक्ला अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बने. यह भारत के अंतरिक्ष इतिहास में गौरवपूर्ण क्षण है.

वापसी के बाद, शुक्ला और उनके साथी नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर, ह्यूस्टन गए. वहां वे 10 दिन के क्वारंटाइन में रहेंगे. उनकी हृदय गति, हड्डियों का घनत्व, संतुलन, प्रतिरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य की जांच होगी. यह प्रक्रिया उन्हें पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में ढलने में मदद करेगी.

गगनयान-4 में काम आएगा अनुभव 

शुक्ला ने ISS पर कई प्रयोग किए. इनमें हड्डियों और मांसपेशियों पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव, मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण, सूक्ष्म शैवाल और AI-आधारित स्वास्थ्य निगरानी शामिल थी. इसरो ने इन प्रयोगों को गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण बताया. इनके नतीजे वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित होंगे. शुक्ला 2019 में गगनयान कार्यक्रम के लिए चुने गए थे. उनके पास दो हजार घंटे से भी ज्यादा लड़ाकू विमान उड़ाने का अनुभव है. एक्सिओम-4 का अनुभव 2027 में गगनयान-4 की मानवयुक्त उड़ान के लिए उपयोगी होगा. इसरो ने इस मिशन पर 600 करोड़ रुपये खर्च किए. शुक्ला प्रशिक्षण, टेलीमेट्री और मिशन प्रबंधन पर सुझाव देंगे.

भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षा

शुक्ला की उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष विजन को मजबूत करती है. 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक चंद्र मिशन की योजना है. उनके प्रयोग अंतरिक्ष कृषि और दीर्घकालिक मिशन सुरक्षा में मदद करेंगे. यह भारत के वैश्विक वैज्ञानिक सहयोग को भी बढ़ाएगा. इसरो अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने डेटा संग्रह की अहमियत पर जोर दिया. शुक्ला की वापसी पर उन्हें इसरो, भारतीय वायु सेना और सरकार सम्मानित करेगी. भारत से शुभाशुं शुक्ला से पहले राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष यात्रा की थी. वे विश्वविद्यालयों और छात्रों के साथ बातचीत करेंगे. उनकी लाइव कॉल्स ने मिशन के दौरान युवाओं को प्रेरित किया.

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