Donald Trump-Vladimir Putin: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए पहले युद्धविराम की मांग की थी. हालांकि अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात के बाद उनके रूख बदले नजर आ रहे हैं. अब वे युद्धविराम के बजाय एक समग्र शांति समझौते पर चर्चा कर रहे हैं. दोनों देशों के नेताओं की मुलाकात लगभग तीन घंटे तक चली, हालांकि कोई ठोस समझौता नहीं हुआ. ट्रंप ने कहा कि अब शांति समझौता ही रास्ता है.
ट्रंप और पुतिन के रिश्ते पिछले कुछ महीनों में तनावपूर्ण हो गए हैं. ट्रंप ने कई बार पुतिन की आलोचना की. उन्होंने रूस पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. मई में ट्रंप ने 30 दिन के युद्धविराम की मांग की थी. यूक्रेन इसके लिए तैयार था, लेकिन रूस ने केवल तीन दिन का विराम प्रस्तावित किया. जून में नाटो शिखर सम्मेलन में ट्रंप ने पुतिन को 'गुमराह' बताया. उन्होंने कहा कि मुझे लगा था कि हम इसे आसानी से सुलझा लेंगे.
ट्रंप ने रूस पर दबाव बनाने के लिए आर्थिक कदम उठाए. उन्होंने रूसी तेल खरीदने वाले देशों, जैसे भारत, पर 50% टैरिफ की धमकी दी. पिछले महीने ट्रंप ने पुतिन को 50 दिन का समय दिया था. उन्होंने कहा कि अगर युद्ध नहीं रुका, तो रूस के ऊर्जा ग्राहकों पर प्रतिबंध लगेंगे. 13 अगस्त को ट्रंप ने चेतावनी दी कि रूस को 'गंभीर परिणाम' भुगतने होंगे. अलास्का बैठक के बाद ट्रंप ने कहा कि युद्धविराम अस्थायी उपाय है. अब वे रूस और यूक्रेन के बीच स्थायी शांति समझौते की मांग कर रहे हैं. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'युद्ध को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका शांति समझौता है.' फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि पुतिन के साथ 'यूक्रेन के लिए भूमि हस्तांतरण और सुरक्षा गारंटी' पर चर्चा हुई. ट्रंप ने कहा कि हम समझौते के करीब हैं, लेकिन यूक्रेन को सहमत होना होगा.
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की सोमवार को अमेरिका जाएंगे. ट्रंप ने उनसे और कई यूरोपीय नेताओं से अलास्का वार्ता के बारे में बात की है. ट्रंप का कहना है कि उन्होंने और पुतिन ने 'महत्वपूर्ण प्रगति' की है. हालांकि, पुतिन ने कोई समझौता होने का संकेत नहीं दिया. क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने भी त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन की चर्चा से इनकार किया. ट्रंप और पुतिन पहले भी कई बार मिल चुके हैं. 2018 में हेलसिंकी में उनकी मुलाकात चर्चा में रही थी. तब ट्रंप ने रूसी हस्तक्षेप के आरोपों पर पुतिन का समर्थन किया था. अब ट्रंप की सख्ती और शांति समझौते की मांग रूस के लिए चुनौती है. ट्रंप ने पुतिन से कहा कि हम जल्द फिर मिलेंगे.' जिसपर पुतिन ने अगली मॉस्को में मिलने की बात कही.