US Airstrikes Iran: ईरान-इजरायल के बीच चल रहे जंग में अब अमेरिका भी खुलकर सामने आ चुका है. अमेरिकी सेना द्वारा ईरान की तीन प्रमुख परमाणु सुविधाओं फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान पर समन्वित हवाई हमले शुरू करने के कुछ घंटों बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया.
डोनाल्ड ट्रंप ने संबोधन को संबोधित करते हुए इसे अमेरिका सेना की सफलता बताई है. उन्होंने कहा कि मीडिल ईस्ट को धमकाने वाले ईरान को अब शांति बहाल करने पर काम करना चाहिए. अगर शांति नहीं होती है तो भविष्य में और भी अधिक खतरनाक हमला किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि अभी और भी अधिक खतरनाक हमला किया जा सकता है. उन्होंने किए हमले का जिक्र का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमला अब तक का सबसे घातक हमला था.
व्हाइट हाउस में राष्ट्र के नाम संबोधन में ट्रंप ने कहा कि इस हमले के पीछे हमारा उद्धेश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करना था. साथ ही इससे दुनिया के नंबर एक आतंक प्रायोजक देश द्वारा उत्पन्न परमाणु खतरे को रोकने की कोशिश की गई. उन्होंने अमेरिकी सैनिक की तारीफ करते हुए कहा कि आज रात, मैं दुनिया को बता सकता हूं कि हमले एक शानदार सैन्य सफलता थी. उन्होंने दावा किया कि ईरान की प्रमुख परमाणु संवर्धन सुविधाएं पूरी तरह से नष्ट कर दी गई हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने तीन मिनट के भाषण में ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शांति जल्दी नहीं आती है, तो हम सटीकता, गति और कौशल के साथ उन अन्य लक्ष्यों पर हमला करेंगे. राष्ट्रपति ने संयुक्त समन्वय के लिए इज़रायल और उसके नेतृत्व की भी प्रशंसा की.
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को धन्यवाद और बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि हमने एक टीम के रूप में काम किया, जैसा शायद पहले कभी किसी टीम ने नहीं किया. हम इजरायल के लिए इस भयानक खतरे को खत्म करने की प्रक्रिया में काफी आगे बढ़ चुके हैं. मैं इजरायली सेना को शानदार काम के लिए बधाई देना चाहता हूं. उन्होंने इस हमले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ईरान की फोर्डो परमाणु सुविधा पर छह बंकर-बस्टर बम गिराए गए, जबकि नतांज और इस्फ़हान सहित अन्य प्रमुख परमाणु स्थलों पर 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं. एक अमेरिकी अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने फोर्डो पर हमला किया, जिसमें बमों का पूरा पेलोड गिराया गया.