Trump on Iran Nuclear Programme: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान-इजरायल युद्धविराम के बाद परमाणु कार्यक्रम को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि परमाणु हथियार बनाने की कोशिश न करें. ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को दशकों पीछे धकेल दिया. यह विवाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है.
एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि ईरान जल्द बम नहीं बना सकता. उन्होंने ईरान की परमाणु साइटों से 400 किलोग्राम यूरेनियम हटाने की खबरों को फर्जी बताया. ट्रंप ने कहा कि हमारे हमलों ने युद्ध खत्म कर दिया. उन्होंने दावा किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अब कमजोर हो गया है.
अमेरिका ने इन हमलों का मकसद ईरान की परमाणु क्षमता को कम करना बताया था. उन्होंने सुरक्षा परिषद को बताया कि ये हमले संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत आत्मरक्षा में किए गए. शिया ने कहा कि ईरान इजरायल और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा है. हमलों ने इस खतरे को कम किया. ट्रंप ने घोषणा की कि ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि सप्ताहांत के हमलों ने ईरान की प्रमुख परमाणु सुविधाओं को नष्ट कर दिया. इजरायल के राजदूत डैनी डैनन ने कहा कि हमने परमाणु खतरे को पीछे धकेला है. हालांकि, रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खुफिया आकलन कहता है कि हमलों से ईरान का कार्यक्रम सिर्फ कुछ महीनों के लिए रुका है.
ईरान ने अमेरिकी हमलों की निंदा की. ईरान के राजदूत सईद इरावानी ने कहा कि ईरान दृढ़ता के साथ खड़ा है. उन्होंने दावा किया कि उनका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है. इरावानी ने कहा कि इस संकट का हल कूटनीति और संवाद है. उन्होंने अमेरिका के हमलों को आपराधिक आक्रामकता करार दिया. यह मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गर्माया. कई देशों ने कूटनीतिक समाधान की मांग की. ईरान और अमेरिका के बीच तनाव ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि बिना संवाद के यह विवाद और गहरा सकता है.