US-China Relations: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल अक्टूबर के अंत में दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू शहर में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे हैं. सीएनएन के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हो सकती है. यह बैठक व्यापार, रक्षा और असैन्य परमाणु सहयोग जैसे मुद्दों पर केंद्रित होगी. हालांकि, इस मुलाकात की योजना अभी अंतिम रूप नहीं ले पाई है.
शी जिनपिंग ने कुछ दिनों पहले एक फोन कॉल पर ट्रंप से बात की थी. इस दौरान जिनपिंग ने ट्रंप को उनकी पत्नी को चीन आने का न्योता दिया था. इस दौरान ट्रंप ने इस न्योते को स्वीकार किया, लेकिन अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि यह यात्रा आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने का अवसर होगी. ट्रंप इस यात्रा को अमेरिका में निवेश आकर्षित करने के लिए भी इस्तेमाल करना चाहते हैं, जैसा कि उन्होंने सऊदी अरब और कतर जैसे देशों की यात्राओं में किया.
ट्रंप के इस यात्रा के दौरान उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से भी मिल सकते हैं, हालांकि उनकी मौजूदगी की पुष्टि नहीं हुई है. दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने हाल ही में ट्रंप को APEC शिखर सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया था. उन्होंने सुझाव दिया कि यह मंच ट्रंप और किम की मुलाकात के लिए उपयुक्त हो सकता है. ट्रंप ने पहले कहा था कि मैं किम से मिलना चाहता हूं. हम बात करेंगे और संबंध बेहतर करेंगे. ट्रंप ने हाल ही में भारत-अमेरिका संबंधों को महत्वपूर्ण बताया था. उन्होंने कहा कि वह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा दोस्त रहेंगे. इस बयान का नई दिल्ली में स्वागत हुआ. शनिवार को मोदी ने ट्रंप के बयान की सराहना करते हुए कहा कि मैं अमेरिका के साथ सकारात्मक संबंधों का समर्थन करता हूं. यह बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रंप ने तियानजिन में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन की आलोचना की थी, जिसमें शी जिनपिंग ने किम जोंग उन, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मोदी की मेजबानी की थी.
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर शी जिनपिंग, पुतिन और किम की आलोचना करते हुए लिखा कि चीन, रूस और उत्तर कोरिया अमेरिका के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. उन्होंने शी, पुतिन और मोदी की एक तस्वीर साझा कर तंज कसा कि भारत और रूस चीन के हाथों खो गए हैं. हालांकि, बाद में उन्होंने भारत के प्रति सकारात्मक रवैया दिखाया. ट्रंप की यह यात्रा वैश्विक कूटनीति के नाजुक दौर में हो रही है. वाशिंगटन और बीजिंग के बीच टैरिफ को लेकर तनाव बना हुआ है. APEC शिखर सम्मेलन ट्रंप के लिए शी जिनपिंग और किम जोंग उन के साथ संबंधों को मजबूत करने का मौका हो सकता है. यह यात्रा वैश्विक व्यापार और कूटनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.