India-US Trade Agreement: व्हाइट हाउस ने भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण रणनीतिक सहयोगी करार दिया है. प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित व्यापार समझौता जल्द ही घोषित हो सकता है. यह बयान चीन की क्षेत्र में बढ़ती मौजूदगी के सवाल पर आया. लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अच्छे संबंध हैं.
लेविट ने संकेत दिया कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह कहा था कि हम एक व्यापार समझौते के बहुत करीब हैं. मैंने वाणिज्य सचिव से इस बारे में बात की. वे ओवल ऑफिस में राष्ट्रपति के साथ थे. जल्द ही राष्ट्रपति और उनकी व्यापार टीम इसकी घोषणा कर सकती है. यह समझौता दोनों देशों के लिए नया अवसर लाएगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर की अमेरिका यात्रा के दौरान यह घोषणा आई है. जयशंकर क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए. यह गठबंधन इंडो-पैसिफिक में स्वतंत्र और खुला वातावरण बनाने पर केंद्रित है. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद की मानवीय लागत प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया. इसमें राज्य प्रायोजित आतंकवाद के प्रभावों को उजागर किया गया.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले महीने कहा था कि अमेरिका भारत के साथ व्यापार बाधाओं को हटाने पर काम कर रहा है. उन्होंने भारतीय बाजारों में बेहतर पहुंच की जरूरत बताई. ट्रम्प ने कहा कि हम चाहते हैं कि भारत में व्यापार करने की आजादी हो. अभी यह प्रतिबंधित है. हम पूर्ण व्यापार बाधा हटाने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि यह पूरी तरह संभव नहीं हो सकता. उन्होंने भारत के साथ व्यापार को बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई.
भारत और अमेरिका के बीच यह व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है. यह न केवल आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग को भी बढ़ाएगा. चीन की बढ़ती ताकत के बीच भारत की भूमिका और अहम हो गई है. यह समझौता भारतीय बाजारों को वैश्विक स्तर पर और आकर्षक बनाएगा. दोनों देशों के बीच यह सहयोग क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि के लिए नया रास्ता खोलेगा.