यूनुस ने पाकिस्तानी जनरल को दिया बांग्लादेश का विवादित मैप, भारत के साथ फिर बिगड़े संबंध!

बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने एक बार फिर भारत के साथ कूटनीतिक विवाद को हवा दी है. यूनुस ने रविवार को पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा से ढाका में मुलाकात की.

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Courtesy: X (@ChiefAdviserGoB)

नई दिल्ली: बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने एक बार फिर भारत के साथ कूटनीतिक विवाद को हवा दी है. यूनुस ने रविवार को पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा से ढाका में मुलाकात की. इस दौरान यूनुस ने जनरल को एक किताब भेंट की, जिसके कवर पर बांग्लादेश का एक विवादास्पद नक्शा छपा था.

इस नक्शे में भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया, जिसने भारत में आक्रोश पैदा कर दिया. सोशल मीडिया पर यूनुस की इस हरकत की तीखी आलोचना हो रही है. भारत के विदेश मंत्रालय ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

ग्रेटर बांग्लादेश का दावा

यह नक्शा कट्टरपंथी समूहों के ग्रेटर बांग्लादेश के दावे से मेल खाता है. इसमें असम, त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया है. यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद यूनुस ने सत्ता संभाली. उनके कार्यकाल में बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच संबंधों में नरमी देखी गई है, जो 1971 के मुक्ति संग्राम के बाद से तनावपूर्ण रहे हैं.

भारत ने पहले भी जताई नाराजगी

यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर का पहली बार जिक्र नहीं किया है. अप्रैल में अपनी चीन यात्रा के दौरान, यूनुस ने दावा किया था कि पूर्वोत्तर भारत भूमि से घिरा है और बांग्लादेश इस क्षेत्र के लिए समुद्र का संरक्षक है. उन्होंने चीन को इस क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे भारत नाराज हो गया. यूनुस ने कहा कि पूर्वोत्तर के सात राज्य समुद्र तक पहुंच से वंचित हैं. हम इस क्षेत्र के लिए महासागर के एकमात्र रास्ते हैं. यह बयान भारत के लिए रणनीतिक रूप से संवेदनशील माना गया.

भारत ने दी कड़ी प्रतिक्रिया 

भारत ने यूनुस के बयानों का कड़ा जवाब दिया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पूर्वोत्तर को बिम्सटेक का महत्वपूर्ण केंद्र बताया, जिसमें बांग्लादेश सहित कई देश शामिल हैं. भारत ने बांग्लादेश के साथ एक ट्रांसशिपमेंट समझौते को भी रद्द कर दिया, जिसके तहत बांग्लादेशी माल को भारतीय क्षेत्र से होकर नेपाल और भूटान जाने की अनुमति थी. यूनुस के शासन में भारत-बांग्लादेश संबंध अपने निम्नतम स्तर पर हैं, क्योंकि ढाका अब पाकिस्तान और चीन के करीब जा रहा है. मई में यूनुस के सहयोगी मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) फजलुर रहमान ने सुझाव दिया कि अगर चीन और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता है, तो बांग्लादेश को पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्ज़ा करने के लिए चीन का साथ देना चाहिए.

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