Moiz Abbas Shah: पाकिस्तानी सेना के मेजर मोइज़ अब्बास शाह दक्षिण वज़ीरिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ मुठभेड़ में मारे गए. वह 2019 में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को पकड़ने का दावा करने वाले अधिकारी थे. यह घटना पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों को उजागर करती है.
24 जून को दक्षिण वज़ीरिस्तान के सरारोघा क्षेत्र में खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन चलाया गया. मेजर शाह आतंकवाद विरोधी अभियान का नेतृत्व कर रहे थे. टीटीपी के साथ गोलीबारी में मेजर शाह और लांस नायक जिब्रानउल्लाह मारे गए. पाकिस्तानी सेना ने 11 टीटीपी आतंकियों को मार गिराने का दावा किया. सात अन्य घायल हुए. सेना का कहना है कि क्षेत्र में सफाई अभियान जारी है.
37 वर्षीय मेजर शाह चकवाल के रहने वाले थे. वह सेना के विशेष सेवा समूह (एसएसजी) के सदस्य थे. 2019 में बालाकोट हवाई हमले के बाद वह सुर्खियों में आए. उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने अभिनंदन को पकड़ा था. यह घटना भारत-पाक तनाव का प्रतीक बनी. शाह को उनके साहस के लिए जाना जाता था. 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया. इसके जवाब में पाकिस्तान ने 27 फरवरी को हवाई कार्रवाई की. इस दौरान अभिनंदन का मिग-21 बाइसन विमान पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरा. उन्हें पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया. मेजर शाह ने इस पकड़ में भूमिका निभाई थी. अभिनंदन को बाद में 1 मार्च को रिहा किया गया. यह घटना दोनों देशों के बीच तनाव का बड़ा क्षण थी.
टीटीपी 2007 में लाल मस्जिद घेराबंदी के बाद बनी. यह पाकिस्तान के जिहादी नेटवर्क से जुड़ा है. इसके नेता जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-झांगवी जैसे समूहों से प्रशिक्षित हैं. पहले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) का समर्थन मिलने के दावे थे. अब टीटीपी पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा है. 2025 में टीटीपी हमलों में 116 सैनिक मारे गए. यह समूह नागरिकों और सैनिकों को निशाना बनाता है. पाकिस्तानी सेना ने टीटीपी को ‘फितना-अल-ख्वारिज’ करार दिया है. प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और राष्ट्रपति जरदारी ने शाह और जिब्रानउल्लाह को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जानें दिया जाएगा. सेना आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी.