पोप लियो ने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का किया स्वागत, पूरे विश्व में शांति का संदेश

पोप लियो XIV ने अपनी पहली रविवार दोपहर की प्रार्थना में भारत-पाकिस्तान के अलावा यूक्रेन में शांति, युद्धविराम और गाजा में बंधकों की रिहाई की अपील भी की.

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Courtesy: Social Media

Pope Leo: पोप लियो ने रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम का स्वागत किया. साथ ही उन्होंने आशा व्यक्त की है कि आपसी संवाद से क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति स्थापित होगी. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने प्रार्थना की है कि ईश्वर विश्व को शांति का आशीर्वाद प्रदान करे. 

पोप लियो XIV ने अपनी पहली रविवार दोपहर की प्रार्थना में भारत-पाकिस्तान के अलावा यूक्रेन में शांति, युद्धविराम और गाजा में बंधकों की रिहाई की अपील भी की. तीन दिनों से अधिक समय तक चली तीव्र सैन्य गतिविधियों के बाद भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को एक समझौते के तहत जमीनी, हवाई और समुद्री स्तर पर सभी सैन्य कार्रवाइयां और गोलीबारी तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्णय लिया. 

युद्धविराम समझौते का उल्लंघन

इस युद्धविराम की घोषणा सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को की थी. हालांकि कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने इस समझौते का उल्लंघन किया. जब जम्मू, श्रीनगर, पंजाब और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में ड्रोन गतिविधियां देखी गईं, जिन्हें भारतीय सेना ने नाकाम किया. यह सैन्य तनाव तब शुरू हुआ, जब इस्लामाबाद ने भारतीय क्षेत्र की ओर ड्रोन और मिसाइल हमले किए. ये हमले भारत द्वारा 7 मई को किए गए ऑपरेशन सिंदूर का जवाब थे, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था. 

पोप लियो की अपील

ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में हुई थी, जिसमें पाकिस्तान से संबद्ध आतंकवादियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी. पहलगाम हमले ने भारत में गहरी चिंता और आक्रोश पैदा किया, जिसके बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई का फैसला लिया. ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना और थलसेना ने उन्नत तकनीक और सटीक रणनीति का उपयोग कर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसे भारत ने अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के लिए जरूरी बताया. पोप लियो की अपील और वैश्विक नेताओं की मध्यस्थता के बावजूद, युद्धविराम का उल्लंघन क्षेत्र में तनाव की नाजुक स्थिति को दर्शाता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब भारत और पाकिस्तान के अगले कदमों पर नजर रखे हुए है, यह उम्मीद करते हुए कि कूटनीतिक प्रयास और संयम शांति की दिशा में प्रगति सुनिश्चित करेंगे.

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