Operation Sindoor: भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के बाद विश्व के कई देशों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कुछ देशों द्वारा इस आपसी लड़ाई बताया गया है, वहीं कुछ ने इस ऑपरेशन में भारत का साथ दिया है. वहीं भारत और पाकिस्तान का पड़ोसी देश चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है.
बीजिंग ने अपने विदेश मंत्रालय के बयान में कहा कि चीन भारत की सैन्य कार्रवाई पर दुख जताता है और मौजूदा स्थिति से चिंतित है. हम आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करते हैं. हम दोनों देशों से शांति को बढ़ावा देने, संयम बरतने और ऐसी कार्रवाइयों से बचने की अपील करते हैं, जो स्थिति को और उलझाए.
चीन का यह बयान भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओजेके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमलों के कुछ घंटों बाद आया. ये हमले 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किए गए, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. भारतीय हमलों ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख ठिकानों को नष्ट किया, जिनमें बहावलपुर और मुरीदके के आतंकी अड्डे शामिल हैं. इस ऑपरेशन को सटीक और रक्षात्मक बताया गया, जो भारत की आतंकवाद विरोधी नीति का हिस्सा है. जवाब में पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारी गोलीबारी की, जिससे जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव बढ़ गया.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय, जिसमें संयुक्त राष्ट्र शामिल है, स्थिति पर नजर रख रहा है और दोनों देशों से सैन्य तनाव कम करने की मांग कर रहा है. भारत के रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई पहलगाम हमले के जवाब में थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी.
भारत के रक्षा मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि यह कार्रवाई सटीक और संयमित थी और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया. भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से इस अभियान को अंजाम दिया, जिसमें चार ठिकाने पाकिस्तान में और पांच पीओजेके में नष्ट किए गए. सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे ऑपरेशन पर नजर रखी. यह कार्रवाई भारत की आतंकवाद के खिलाफ कठोर नीति को दर्शाती है.