Lifestyle: लोगों की बढ़ती उम्र टेंशन का कराण बनती हैं. जवान दिखने वाले और बूढ़ा दिखने वालों में कई अंतर महसूस किए जाते है. एक जिंदगी जी रहा होता है तो, दूसरा जिंदगी काट रहा होता है. दोनों में ये जो फर्क है, लोगों के फेस के साथ-साथ शरीर एवं व्यवहार में साफ तौर पर दिखाई देता है.
हम अपने आस-पास कई ऐसे लोग देखते हैं जो, अपनी उम्र से बहुत कम व सुंदर नजर आते हैं. परन्तु कई लोग ऐसे भी दिखते हैं जो, उम्र में छोटे है किन्तु बुढ़े दिखाई पड़ते है. बता दें कि उम्र तो अपने ही तरीके से बढ़ता है. परन्तु ऐसी क्या वजह है कि, कुछ लोग बढ़ती उम्र की रफ्तार का असर अपने चेहरे व शरीर पर पड़ने नहीं देते हैं.
इस बात पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि, इसकी सबसे बड़ी वजह जिंदगी को अपने तरीके से देखने का नजरिया है. फिटनेस की फिक्र, शौक ही अपने अंदर की क्रिएटिविटी को जिंदा रखने के लिए जरूरी है. इसके साथ ही दोस्तों के बीच अच्छे रिश्ते बनाना, दूसरों की सहायता करना, कई आदत हैं जो, अंदर से खुशी पैदा कर देती हैं. और अपका बुढ़ापा पास आने नहीं देती है. इसे ही मेंटल एजिंग कहते हैं.
आप अपनी जिंदगी कैसे जीते हैं, बुरे वक्त और तनाव को कैसे हैंडल करते हैं, इसका प्रभाव आपकी मेंटल हेल्थ या मेंटल एजिंग पर पड़ता है. कई बार देखने को मिलता है कि, 70 वर्ष का व्यक्ति जिंदादिल नजर आता है. वहीं 30 वर्ष का व्यक्ति 70 साल का बुजुर्ग मालूम पड़ता है. बुजुर्गीयत बुरी बात नहीं है, परन्तु इसे व्यवहार की मैच्योरिटी के साथ अपनी समझ से जोड़ें, न कि अपनी उम्र के नंबर्स से जोड़कर देखें. जो भी लोग मानसिक रूप से मजबूत होते हैं, जीवन की तकलीफों व तनावों को खुद पर हावी नहीं होने देते हैं. वहीं इन सब के बीच हंसते मुस्कराते रहते हैं, दरअसल उनकी उम्र का प्रभाव नजर नहीं आता है.