टैरिफ विवाद के बीच PM मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को बताया 'सच्चा दोस्त', अमेरिका भी भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाने के लिए तैयार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका न केवल घनिष्ठ मित्र हैं, बल्कि स्वाभाविक साझेदार भी हैं. हमारी व्यापार वार्ता दोनों देशों के लिए नई संभावनाएं खोलेगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों की टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं.

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Courtesy: Social Media

India-US trade: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए टैरिफ विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को भारत का 'परम मित्र' बताया है. उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता को जल्द खत्म करने की उम्मीद जताई है. पीएम मोदी का यह बयान डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शेयर किए पोस्ट के जवाब में आया है. ट्रंप ने इस पोस्ट में भारत के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्ते की इच्छा जाहिर की थी.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका को ना केवल अच्छा दोस्त बल्कि स्वाभाविक साझेदार भी बताया हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की नई संभावनाएं खोलेगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों की टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. मोदी ने यह भी कहा कि वह राष्ट्रपति ट्रंप से जल्द बात करने के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि हम मिलकर अपने देशवासियों के लिए समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करेंगे.

व्यापार में सफलता की उम्मीद

राष्ट्रपति ट्रंप ने भी भारत के साथ रिश्तों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया. उन्होंने कहा कि मैं अपने अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी से जल्द बात करने को उत्साहित हूं. मुझे यकीन है कि हमारी व्यापार वार्ता दोनों देशों के लिए सफल होगी. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर यह भी कहा कि भारत और अमेरिका व्यापारिक बाधाओं को दूर करने के लिए लगातार बातचीत कर रहे हैं. यह बयान हाल के तनावों के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार का संकेत देता है. हाल ही में, ट्रंप प्रशासन ने भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू हुआ, जिसमें 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क जोड़ा गया. ट्रंप ने भारत के रूस से तेल खरीदने पर निराशा जताई थी. उन्होंने कहा कि भारत का इतना तेल रूस से खरीदना निराशाजनक है. हमने इस पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनके और मोदी के बीच अच्छे संबंध हैं.

राष्ट्रीय हित सर्वोपरि

भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए कहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की जरूरतों पर आधारित है. यूक्रेन संकट के बाद  फरवरी 2022 में पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए, जिसके बाद भारत ने छूट पर उपलब्ध रूसी तेल की खरीद शुरू की. यह कदम भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की सकारात्मक टिप्पणियां इस बात का संकेत हैं कि दोनों देश एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह न केवल आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर दोनों देशों की साझेदारी को भी नई दिशा देगा.

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