Aditya L1 Solar Mission: भारतीय अनुसंधान संगठन( इसरो) ने एक और बड़ी सफलता को अपने नाम कर इतिहास रच दिया है. बता दें कि इसरो ने आज (5 जनवरी) अपने आदित्य-एल1 यान को धरती से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर लैंग्रेज पॉइंट 1 पर हेलो ऑर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है. इस कामयाबी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बधाई दी है.
पीएम मोदी ने लिखा' "भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की है. भारत की पहली सोलर ओबजर्वेटरी आदित्य-एल1 अपने लक्ष्य पर पहुंच गई है. यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं. हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे. आदित्य-एल1 को पिछले साल 2 सितंबर 2023 को सूर्य के अध्ययन के लिए श्री हरिकोटा से लॉन्च किया गया था.
India creates yet another landmark. India’s first solar observatory Aditya-L1 reaches it’s destination. It is a testament to the relentless dedication of our scientists in realising among the most complex and intricate space missions. I join the nation in applauding this…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 6, 2024
इस दौरान केन्द्रीय विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के लिए वर्ष बहुत ही शानदार साबित हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व इसरो ने एक और एतिहासिक उपलब्धि को अपने नाम किया है. आदित्य एल 1 सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है.
लैग्रेंज प्वाइंट वह क्षेत्र है जहां धरती और सूर्य के बीच का गुरुत्वकर्षण बल निष्क्रिय हो जाता है. यान इसके आसपास एक हेलो ऑर्बिट में रहेगा और वहीं से सूर्य से जुड़ी खास जानकारी इसरो को भेजता रहेगा. एल 1प्वाइंट पृथ्वी और सूर्य के बीच दूरी लगभग 1प्रतिशत है. हेलो ऑर्बिट में उपग्रह द्वारा सूर्य को लगातार देखा जा सकता है.
इस आदित्य एल1 मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना है. यह सूर्य की सतह पर आने वाले सौर भूकंप, सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम से जुड़े रहस्यों को बेहतर ढंग से समझेगा.