ज़ुबीन गर्ग की मौत मामले में भाई डीएसपी संदीपन गर्ग गिरफ्तार, जांच में नया मोड़

सिंगापुर में मशहूर गायक ज़ुबीन गर्ग की संदिग्ध मौत की जांच में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. असम पुलिस के डीएसपी और गायक के चचेरे भाई संदीपन गर्ग को बुधवार को गिरफ्तार किया गया.

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Courtesy: x (@vani_mehrotra)

Zubeen Garg: सिंगापुर में मशहूर गायक ज़ुबीन गर्ग की संदिग्ध मौत की जांच में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. असम पुलिस के डीएसपी और गायक के चचेरे भाई संदीपन गर्ग को बुधवार को गिरफ्तार किया गया. यह इस मामले में पांचवीं गिरफ्तारी है. जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं, जिसने इस मामले को और रहस्यमय बना दिया है.

सीआईडी के विशेष डीजीपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने बताया कि संदीपन गर्ग को गिरफ्तार कर लिया गया है. हम कानूनी प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं. एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संदीपन को अदालत में पेश किया गया है और पुलिस उनकी रिमांड मांगेगी. संदीपन उस समय सिंगापुर में ज़ुबीन के साथ थे, जब यह कथित डूबने की घटना हुई थी. उनसे कई बार पूछताछ की जा चुकी है.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

इस मामले में पहले चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत, ज़ुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और बैंड के दो सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृत प्रभा महंत शामिल हैं. ये सभी पुलिस हिरासत में हैं और जांच जारी है. गिरफ्तार बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी ने दावा किया है कि ज़ुबीन को उनके मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और आयोजक श्यामकानु महंत ने जहर दिया था. पीटीआई के अनुसार, गोस्वामी ने पुलिस को बताया कि ज़ुबीन की मौत को दुर्घटना दिखाने के लिए साजिश रची गई. रिमांड नोट में कहा गया है कि शर्मा ने संदिग्ध व्यवहार किया और नौका के वीडियो साझा न करने की हिदायत दी थी. गोस्वामी ने आरोप लगाया कि साजिश को छिपाने के लिए विदेशी स्थान चुना गया.

ज़ुबीन की मौत और अंतिम संस्कार

52 वर्षीय ज़ुबीन गर्ग का 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय निधन हो गया. गुवाहाटी के कमरकुची में मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. गड़बड़ी की आशंका को खारिज करने के लिए दूसरी बार पोस्टमार्टम किया गया. ज़ुबीन की मौत ने उनके प्रशंसकों को सदमे में डाल दिया. ज़ुबीन की मौत की जाँच जनता की माँग और गड़बड़ी के आरोपों के बाद शुरू हुई. पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए असम सरकार ने नौ सदस्यीय विशेष जाँच दल (SIT) बनाया है. SIT इस रहस्यमय मामले की गहराई से जाँच कर रही है.

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