शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद अब अंतरिम सरकार के गठन की चर्चाएं तेज हैं. नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस आज गुरुवार को शपथ ले सकते हैं. 2009 से बांग्लादेश की सत्ता पर रहीं आवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना के लिए कौन जानता था कि उनका अंत इतना बुरा होगा. लगातार 15 साल तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना ने पहले पद से इस्तीफा दिया और उसके बाद देश छोड़ दिया. बांग्लादेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी प्रधानमंत्री ने पद से इस्तीफा देने के बाद देश छोड़ा है.
इसी साल जनवरी में हुए लोकसभा के चुनाव में शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने कुल दो-तिहाई से अधिक सीटें जीतकर सत्ता को बरकरार रखा था. अब यह बात हैरान करती है कि लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री चुनी गईं शेख हसीना को सात महीने में ही पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने तक की नौबत आ गई. बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना भारत आई थीं. फिर लंदन जाने की खबर थी. लेकिन ब्रिटेन सरकार की तरफ से बात नहीं बनी जिससे वह अभी भारत में ही हैं. अमेरिका के भी मुंह मोड़ लेने की खबरों के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वो यूरोप के किसी देश में रह सकती हैं. लेकिन बात जो हो मोहम्मद यूनुस के शपथ ग्रहण के भारत और बांग्लादेश के रिश्ते पर होने वाले प्रभाव की करते हैं.
शेख हसीना के लगातार 15 सालों तक सत्ता में रहने से बांग्लादेश और भारत के संबंध अच्छे थे. लेकिन अब शेख हसीना के सत्ता से जाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में कुछ दिक्कतें आने के कयास लगाए जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कि आखिर भारत और बांग्लादेश को किन-किन दिक्कतों को सामना करना पड़ सकता है.
बांग्लादेश में शेख हसीना की आवामी लीग और खालिदा जिया की बीएनपी दो ही प्रमुख दल हैं. जेल में रहीं पूर्व बांग्लादेशी पीएम खालिदा जिया को शेख हसीना के देश छोड़ते ही रिहा कर दिया गया. पूर्व पीएम खालिदा जिया का झुकाव इस्लामिक कट्टरपंथी होने के नाते भारत के प्रति कम पाकिस्तान की तरफ ज्यादा दिखता है. पाकिस्तान की तरफ ज्यादा झुकाव होने से चीन को फायदा होगा, क्योंकि पाकिस्तान और चीन की दोस्ती अच्छी है. शेख हसीना ने सरकार में रहते हुए बांग्लादेश में भारत विरोधी तत्वों को खत्म किया. बाग्लादेश और भारत के आपसी रिश्ते की मजबूती के साथ-साथ शेख हसीना के सरकार में आर्थिक रिश्ते भी मजबूत हुए.
पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छा करोबार हुआ. भारत ने 15,268 करोड़ रुपए का सामान अपने देश में आयात किया. वहीं 91,614 करोड़ रुपए का सामान निर्यात किया. भारत और बांग्लादेश के बीच कुल 1.06 लाख करोड़ का कारोबार हुआ था. नए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दो महीने अप्रैल और मई में 17 हजार करोड़ से अधिक का कारोबार हो चुका है.