Gyanvapi: ज्ञानवापी में पूजा रुकवाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष, इतने दिन का मांगा समय

Gyanvapi: इस दौरान अंजुमन इंतजामिया कमिटी ने जल्द सुनवाई करने की मांग की है. और निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है. वहीं इस मामले में पहले ही हिन्दू पक्ष केविएट दाखिल कर चुका है.

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हाइलाइट्स

  • ज्ञानवापी में पूजा रुकवाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष
  • निचली अदालत से मांगा 15 दिन का समय

Gyanvapi: वाराणसी ज्ञानवापी मामले में अदालत का फैसला सामने आने के बाद व्यास जी के तहखाने को देर रात खोल दिया गया. अब ज्ञानवापी में पूजा करने की इजाजत दे दी गई है. डीएम एस. राजलिंगम व पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन समेत पूरा पुलिस महकमा पुश्तैदी के साथ डटा रहा, वहीं, इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. इस बीच मुस्लिम पक्ष ने तहखाने में जारी पूजा पाठ को रुकवाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी है. 

इस दौरान अंजुमन इंतजामिया कमिटी ने जल्द सुनवाई करने की मांग की है. और निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है. वहीं इस मामले में पहले ही हिन्दू पक्ष केविएट दाखिल कर चुका है. 

मुस्लिम पक्ष ने निचली अदालत से मांगा 15 दिन का समय 

ज्ञानवापी परिसर में  स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ के अधिकार का मामला फिर से वाराणसी जिला कोर्ट में पहुंच गया है. इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से 15 दिन का समय मांगा है. याचिका में कहा गया है कि 15 दिनों तक इस आदेश को लागू ना किया जाए. हाई कोर्ट में याचिका दसखिल करने को लेकर टाइम मांगा गया है. 

इससे पहले किया था सुप्रीम कोर्ट का रुख 

आपको बता दें, कि इससे पहले ज्ञानवापी केस में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने जिला न्यायधीश के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें हिन्दू पक्ष को मस्जिद के सीलबंद तहखाने के नादार पूजा करने की अनुमति दी गई थी. 

सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई ने कहीं थी ये बातें 

एक जानकारी के अनुसार, मुस्लिम पक्ष की कानूनी टीम में वकील फुजैल अय्यूबी, निजाम पाशा और आकांशा शामिल थे. उन्होंने  गुरुवार सुबह 3 बजे सुप्रीम कोर्ट के वेकेशन रजिस्ट्रार से संपर्क किया और वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया ताकि वह कोई कानूनी उपाय खोज सके. इस दौरान रजिस्ट्रार ने सुबह 4 बजे  न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सामने दस्तावेज रखे. कागजात देखने के बाद सीजेआई ने मुस्लिम पक्ष से किसी भी तरह की राहत के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख करने को कहा. 

ज्ञानवापी में बुधवार देर रात शुरू हुआ पूजा-पाठ 

अभी हाल ही में कुछ दिन पहले ASI के सर्वे में ये साफ हो गया था कि ज्ञानवापी की मस्जिद का निर्माण, एक पुराने भव्य हिंदू मंदिर के ढांचे पर किया गया था, जिसमें हिंदू मंदिर संस्कृति के कई चिह्न दीवारों और खंभों पर पाए गए हैं. इस दौरान वाराणसी की जिलाकोर्ट ने व्यास खाने में पूजा की इजाजत दी थी, इसके बाद बुधवार को अष्ट देवताओं की मूर्तियां रखकर पूजा की गई है.

हिंदू पक्ष के वकील ने गुरुवार को इस बारे में कहा कि, यह हमारे मुख्य लक्ष्य की ओर एक कदम है. मैं प्रशासन को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने आदेश का पालन किया. ज्ञानवापी के वजूखाने के भीतर व्यास तहखाने में पारंपरिक पद्धति के साथ न सिर्फ मूर्तियों की स्थापना की गई, बल्कि उनका पूजन भी किया गया.