Nepal Protests: नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है. नेपाल से सटे सात जिलों श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज में हाई अलर्ट जारी किया गया है.
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने इन जिलों में चौबीसों घंटे निगरानी और गश्त बढ़ाने के आदेश दिए हैं. अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं ताकि सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित हो.
भारत-नेपाल सीमा को सील नहीं किया गया है, लेकिन सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने गश्त तेज कर दी है. असामाजिक तत्वों की घुसपैठ रोकने के लिए विशेष निगरानी की जा रही है. देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि लाल भूषण सुशील ने जिलाधिकारियों को पुलिस और एसएसबी के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया है. नेपाल की राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में हिंसक झड़पें हुई हैं. प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय और नेताओं के आवासों पर हमला कर आगजनी की. स्थानीय मीडिया के अनुसार, पुलिस कार्रवाई और झड़पों में 19 लोग मारे गए हैं और 500 से अधिक घायल हुए हैं. नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने शांति की अपील की है. उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में मांगें बातचीत से हल हो सकती हैं.'
नेपाल सरकार ने व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे बाद में हटा लिया गया. इस फैसले ने जनता के गुस्से को और भड़काया. प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार खत्म करने और शासन में जवाबदेही की मांग कर रहे हैं. नेपालगंज जैसे सीमावर्ती कस्बों में स्कूल और व्यवसाय बंद हैं. सड़कों पर टायर जलाए गए और सरकारी कार्यालयों को घेर लिया गया. काठमांडू और डांग जैसे शहरों में कर्फ्यू लागू है.
नेपाल सेना ने सुरक्षा की कमान संभाली है और युवाओं से संयम बरतने की अपील की है. त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रदर्शनकारियों के हमले के प्रयास के बाद एयर इंडिया, स्पाइसजेट और इंडिगो ने काठमांडू की उड़ानें रद्द कर दी हैं. उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस नेपाल की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. सीमावर्ती इलाकों में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं. नेपाल में अशांति का असर भारत पर न पड़े, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है.