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NIA Action: आतंक-अपराध और नशे के खिलाफ NIA का ऑपरेशन, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों पर की बड़ी कार्रवाई

NIA Action: इस दौरान एजेंसी ने कहा कि उसने पाया कि ये सभी संपत्तियां आतंकवादकी कमाई है. जिनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए प्रयोग में लाया जाता है.

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हाइलाइट्स

  • आतंक-अपराध और नशे के खिलाफ NIA का ऑपरेशन
  • लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों पर की बड़ी कार्रवाई

NIA Action: राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने देश में चल रहे नशे-आतंक और अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का अंजाम दिया है. इस दिशा में आज (6 जनवरी) NIA ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्वोई  की संगठित टेरर- क्राइम सिंडिकेट के सदस्यों की 4-4 संपत्तियों को कुर्क किया है. इन संपतियों में 1 चल और 3 अचल संपत्ति है. एनआईए की और से यूएपीए के प्रावधानों के तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में छापेमारी के दौरान ये सम्पत्तियां अटैच की गई. वहीं न्यूज एजेंसी एएनाईए के अनुसार, NIA ने हथियार जब्ती मामले में जम्मू कश्मीर में एक आवासीय घर को कुर्क किया है. 

इस दौरान एजेंसी ने कहा कि उसने पाया कि ये सभी संपत्तियां आतंकवादकी कमाई है. जिनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए प्रयोग में लाया जाता है. 

एनआईए ने कहां-कहां की कार्रवाई?

एनआईए द्वारा की कुर्क की गई संपत्तियों में लखनऊ के गोमती नगर एक्टेंशन में सुलभ आवास योजना के आश्रय-1 का फ्लैट-77/4 शामिल है, जो लखनऊ में आतंक को पनाह देने वाले विकास सिंह से जुड़ी है. वहीं कुर्क की गई अन्य दो संपत्तियां पंजाब के फाजिल्का के गांव बिशनपुरा की हैं जो आरोपी दलीप कुमार उर्फ भोला उर्फ दलीप बिश्नोई के अधीन थी. इस दौरान हरियाणा के यमुनानगर निवासी जोगिंदर सिंह के नाम पर पंजीकृत एक फॉर्च्यूनर कार भी अटैच किया गया है. 

एनआईए की जांच के अनुसार, विकास सिंह लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है, जिसने पंजाब पुलिस मुख्यालय पर रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) हमले में शामिल आरोपियों समेत आतंकियों को शरण देने का काम किया था. वहीं जोगिंदर सिंह लॉरेंस के करीबी गैंगस्टर काला राणा का पिता है. उसपर आरोप है कि वह आतंकी गतिविधि के लिए हथियार और गोला-बारूद को ले जाने के लिए अपनी फॉर्च्यूनर कार का इस्तेमाल करने देता था. 

कुर्क की गई संपत्तियों में आरोपी दलीप कुमार की संपत्ति का इस्तेमाल हथियारों को रखने और आतंकी गिरोह के सदस्यों को पनाह देने के लिए किया जा रहा था. बता दें, कि एनआईए द्वारा अगस्त 2022 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के संगठित क्राइम-सिंडिकेट के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था.