Raghav Chadha: सांसद राघव चड्ढा का बयान लोकतंत्र हो रहा खत्म, CEC नियुक्ति बिल पर सरकार को घेरा

Raghav Chadha: सांसद ने कहा सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का पैरा 9 बताता है कि, चयन की प्रक्रिया देश में निष्पक्ष चुनाव की दशा तय करती है. वहीं यह बिल स्वतंत्रता, निषपक्षता, संवैधानिकता को नष्ट करता है.

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हाइलाइट्स

  • राघव चड्डा ने कहा,अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं होगा तो चुनाव के नतीजे भी इससे प्रभावित होंगे.
  • राघव ने बताया इस बिल के विरोध का कारण है कि, चयन समिति में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है.

Raghav Chadha: सांसद राघव चड्ढा ने बीते दिन यानि मंगलवार को राज्यसभा में केंद्र की सरकार पर जमकर निशाना साधा है. दरअसल मुख्य चुनाव आयुक्त एवं विभिन्न चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 के पारित होने से पूर्व आप सांसद ने इसका कड़ा विरोध जताया है. जबकि बीजेपी पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करके चुनाव आयोग को कब्‍जे में करने का आरोप लगाया है. 

राघव चड्डा का बयान 

सांदस राघव चड्डा ने अपने बयान में कहा कि, सरकार ने इस 'बिलडोजर' के साथ लोकतंत्र को खत्म कर दिया है. अगर वहाँ है कोई स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव आयोग नहीं, कैसे होंगे स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव. चुनाव आयोग की बहुत अहम भूमिका है. वहीं ईवीएम मशीनों के इस्तेमाल का फैसला करता है. जबकि पार्टी चिह्न, चुनाव कार्यक्रम सब कुछ तय करता है EC. हम आंतरिक रूप से परामर्श करेंगे और कानूनी सलाह लेंगे. हम इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दे सकते हैं." 

बिल पर की चर्चा 

दरअसल उनका कहना है कि, अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं होगा तो चुनाव के नतीजे भी इससे प्रभावित होंगे. वहीं सांसद ने कहा सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का पैरा 9 बताता है कि, चयन की प्रक्रिया देश में निष्पक्ष चुनाव की दशा तय करती है. जबकि पैरा 186 में यह कहता है कि, केवल निष्पक्ष चयन होना ही जरूरी नहीं है. साथ ही साथ यह निष्पक्ष चयन जनता को दिखाई देना आवश्यक है.

हालांकि बात यहां नहीं रूकी राघव ने बताया इस बिल के विरोध की तीसरी वजह यह है कि, चयन समिति में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है. जिससे सारे निर्णय सरकार के पक्ष में होंगे, नेता प्रतिपक्ष को सिर्फ नाम के लिए इसमें स्थान दी गई है. जबकि यह बिल स्वतंत्रता, निषपक्षता, संवैधानिकता पर फेल होता नजर आ रहा है. वहीं अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं होगा तो चुनाव निष्पक्ष नहीं होगें.