नई दिल्ली: भारतीय नौसेना इस समय आठ देशों की नौसैनिक बलों के साथ एक बड़ा और व्यापक नौसैन्य अभ्यास आयोजित कर रही है. यह अभ्यास समुद्री सुरक्षा, साझेदारी और सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है. इसमें भाग लेने वाले देशों में भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और श्रीलंका शामिल हैं.
यह मल्टीनेशनल नौसैन्य अभ्यास क्षेत्रीय सुरक्षा और सामूहिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है. भारतीय नौसेना का कहना है कि यह अभ्यास देशों के बीच समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग को सुदृढ़ करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय समुद्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने में मदद करेगा. अभ्यास में विभिन्न प्रकार की नौसैनिक कार्यवाहियों और रणनीतिक योजना को शामिल किया गया है, जिसमें समुद्री युद्ध, मानवीय सहायता, और आतंकवाद-रोधी अभियान शामिल हैं.
भारतीय नौसेना के अनुसार, यह अभ्यास क्षेत्रीय समन्वय को बेहतर बनाने और देशों के बीच समुद्री ताकत को साझा करने का एक महत्वपूर्ण कदम है. भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि इस अभ्यास के जरिए सभी भागीदार देशों को एक-दूसरे के नौसैनिक रणनीतियों को समझने और एक दूसरे के साथ समन्वय स्थापित करने का अवसर मिलेगा. यह अभ्यास समुद्री सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण पहलुओं को भी रेखांकित करता है, जैसे समुद्री डकैती, आपातकालीन स्थितियां और मानवीय संकटों का समाधान.
इस अभ्यास में समुद्री युद्ध की रणनीतियों के अलावा, मानवीय सहायता अभियान और आपदा राहत कार्यों का भी अभ्यास किया जा रहा है. विशेष रूप से समुद्री क्षेत्रों में आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई करने के लिए विभिन्न देशों की नौसेनाओं को एक साथ काम करने का मौका मिल रहा है. इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के समुद्री जहाजों, पनडुब्बियों, और लड़ाकू विमानों का उपयोग करके समुद्री हमलों, मानवीय सहायता, और आतंकवाद-रोधी अभियानों को प्रशिक्षित किया जाएगा.
यह अभ्यास केवल नौसेनाओं के बीच साझेदारी को मजबूत नहीं करता, बल्कि यह समुद्र में होने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामूहिक रूप से सामना करने की क्षमता भी बढ़ाता है. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ अन्य देशों का सहयोग भारतीय समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा को और बेहतर बनाता है. इसके साथ ही, इस तरह के अभ्यास से चीन जैसी शक्तियों के खिलाफ सामूहिक शक्ति का संदेश भी जाता है, जो भारतीय समुद्री क्षेत्र के पास अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं.
भारतीय नौसेना के अधिकारी इस अभ्यास को भविष्य में और अधिक देशों को शामिल कर विस्तारित करने की योजना बना रहे हैं. साथ ही, यह अभ्यास नियमित रूप से होने वाले ऐसे अभियानों का हिस्सा बन सकता है, जो समुद्री सुरक्षा, सामूहिक सहयोग और साझा रक्षा नीतियों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किए जाएंगे.
यह बहुपक्षीय नौसैन्य अभ्यास न केवल भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को साबित करने में मदद करेगा, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ावा देगा. समुद्रों में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए ऐसे अभ्यासों की महत्ता बढ़ रही है, और ये भविष्य में देशों के बीच मजबूत सहयोग के प्रतीक बनेंगे.
(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)