नंदिनी नगर में कुश्ती टूर्नामेंट को लेकर क्यों मचा बवाल, क्या बोले बृजभूषण सिंह

बीते रविवार को खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी और अध्यक्ष संजय सिंह को निलंबित कर दिया. संजय सिंह ने पद संभालते ही गोंडा स्थित नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन कराने का ऐलान कर दिया. जिसके बाद एक बार बवाल छिड़ गया.

Date Updated
फॉलो करें:

खेल मंत्रालय ने बीते रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय कुश्ती संघ की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी और अध्यक्ष संजय सिंह को निलंबित कर दिया. जिसके बाद से कई सवाल सामने आ गए. आखिर कुश्ती संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह को क्यों निलंबित किया गया. 

इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA)को खेल मंत्रालय की तरफ से नई कमेटी बनाने का आदेश दिया गया. खेल मंत्रालय ने तीन दिनों के अंदर कमेटी बनाने को कहा है. ये कमेटी WFI के प्रतिदिन की गतिविधियों पर नजर रखेगी. वहीं, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने खुद आईओए प्रमुख को पत्र लिखकर कहा कि अस्थायी पैनल, एथलीटों के सेलेक्शन सहित डब्ल्यूएफआई के मामलों का प्रबंधन और नियंत्रण करेगा. 

बता दें, एडहॉक कमेटी का मुख्य काम खास सलाह और सुझाव देना है. एडहॉक कमेटी में अलग-अलग पृष्ठभूमि और विषयों के लोग शामिल हो सकते हैं. सरकार के इस सख्त फैसले के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं.  

कुश्ती महासंघ की नई कार्यकारिणी भंग 

संजय सिंह ने पद संभालते ही गोंडा स्थित नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन का ऐलान कर दिया. बता दें नंदिनी नगर बृजभूषण सिंह का क्षेत्र है. भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह के इस फैसले के बाद से ही विरोध शुरू हो गया. वहीं, रेसलर साक्षी मलिक ने फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, 'गोंडा बृजभूषण का इलाका है. अब आप सोचिए कि जूनियर महिला पहलवान किस माहौल में कुश्ती लड़ने वहां जाएंगी. क्या इस देश में नंदिनी नगर के अलावा कहीं पर भी नेशनल करवाने की जगह नहीं है? समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं.'

नंदिनी नगर बना विवाद की अहम जड़

बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह ने नंदिनी नगर में टूर्नामेंट कराने को लेकर कहा कि हमारे पास समय कम था. कोई भी फेडरेशन टूर्नामेंट कराने के लिए तैयार नहीं था. इसलिए नंदिनी नगर में टूर्नामेंट कराने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि नंदिनी नगर में कुश्ती के लिए सभी तरह की मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं. नंदिनी नगर को लेकर ना केवल खिलाड़ियों ने सवाल उठाए बल्कि खेल प्रेमियों को भी इससे आश्चर्य हुआ. बस यही फैसला नई कार्यकारिणी को भारी पड़ा और लोगों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए सरकार ने अहम फैसला लिया और कार्यकारणी को ही भंग कर दिया. 

रेसलिंग से सन्यास लेने के बाद साक्षी 

इस मामले पर साक्षी मलिक ने कहा कि, 'मुझे इंसाफ मिलने की उम्मीद कम है. फेडरेशन के नए अध्यक्ष संजय सिंह पुराने अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बेहद करीबी हैं.' उनकी जीत के बाद अब पहलवानों का कहना है कि, 'बृजभूषण के करीबी के अध्यक्ष बनने के बाद अब उन्हें इंसाफ मिलने की उम्मीद और कम हो गई है. '

साक्षी मलिक ने रेसलिंग से सन्यास लेने के बाद कहा कि,'पहलवानों की लड़ाई बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ थी. हम चाहते थे कि उसका कब्जा फेडरेशन से हट जाए. सरकार से हमारी बात हुई थी कि फेडरेशन में कोई महिला अध्यक्ष हो, ताकि शोषण की शिकायतें ना आएं. सरकार ने हमारी इस मांग को स्वीकार भी किया था, लेकिन अब रिजल्ट कुछ और ही आया है, जो सबके सामने है. बृजभूषण का राइट हैंड और उसका बिजनेस पार्टनर ही फेडरेशन का अध्यक्ष बन गया है.'