Bihar Assembly Elections: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. चुनाव आयोग ने सोमवार को चुनावी कार्यक्रम की घोषणा कर दी है. मतदान दो चरणों में होगा. पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा. नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. इस घोषणा के साथ ही बिहार का सियासी माहौल गर्म हो गया है.
चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. सभी दल अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. कार्यकर्ताओं की बैठकें और रैलियों का दौर शुरू हो गया है. बिहार की जनता भी उत्साह के साथ इस सियासी जंग का इंतजार कर रही है.
2024 के लोकसभा चुनाव के परिणामों ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मंच तैयार कर दिया है. इन परिणामों से यह साफ है कि बिहार में एनडीए का दबदबा कायम है. एनडीए ने 47.23 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 30 लोकसभा सीटें जीतीं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने 12-12 सीटें हासिल कीं. चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (लोजपा-रालोद) ने 5 सीटें जीतीं. जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने गया में एक सीट पर जीत दर्ज की. वोट शेयर की बात करें तो भाजपा को 20.52 प्रतिशत, जदयू को 18.52 प्रतिशत, लोजपा-रालोद को 6.47 प्रतिशत और हम को 1.14 प्रतिशत वोट मिले. विधानसभा क्षेत्रों के हिसाब से एनडीए 174 सीटों पर आगे रहा. इसमें जदयू 74, भाजपा 67, लोजपा-रालोद 29 और हम 4 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.
महागठबंधन ने लोकसभा चुनाव में 39.21 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 9 सीटें जीतीं. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 22.14 प्रतिशत वोट के साथ 4 सीटें जीतकर गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरा. कांग्रेस ने 9.20 प्रतिशत वोट के साथ 3 सीटें हासिल कीं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) ने 2.99 प्रतिशत वोट के साथ काराकाट और आरा में 2 सीटें जीतीं. हालांकि, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई-एम) कोई सीट नहीं जीत सके. विधानसभा क्षेत्रों में महागठबंधन 62 सीटों पर आगे है. इसमें राजद 36, कांग्रेस 12 और माकपा 12 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.