Punjab: पंजाब पराली प्रबंधन में घोटाला, सरकार कर रही मामले की जांच

Punjab: पंजाब में पराली प्रबंधन के लिए राज्य की सरकार किसानों को सब्सिडी पर मशीनें मुहैया कराने की बात कह रही है. परन्तु इसमें बड़ा घोटाला देखने को मिल रहा है. जबकि पराली निस्तारण के लिए मशीनें खरीदे बिना ही लाखों की सब्सिडी का कुछ पता नहीं चल पा रहा है. वहीं फरीदकोट व फाजिल्का […]

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Punjab: पंजाब में पराली प्रबंधन के लिए राज्य की सरकार किसानों को सब्सिडी पर मशीनें मुहैया कराने की बात कह रही है. परन्तु इसमें बड़ा घोटाला देखने को मिल रहा है. जबकि पराली निस्तारण के लिए मशीनें खरीदे बिना ही लाखों की सब्सिडी का कुछ पता नहीं चल पा रहा है. वहीं फरीदकोट व फाजिल्का में इस प्रकार के 1800 मामले देखने को मिले हैं. जिसके बाद सरकार ने सारे जिलों में इसकी गंभीरता से जांच शुरू कर दी है. जिसमें किसानों, कंपनियों के बड़े अधिकारियों की भी मिलीभगत बताई जा रही है.

सरकार ने की जांच

बता दें कि प्रदेश सरकार को एक रिपोर्ट मिली. जिसमें साफ किया गया कि, फरीदकोट व फाजिल्का में कृषि मशीनें बनाने वाली कंपनियों, किसानों के साथ बड़े अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके काम कर रही है. जबकि कागजों में मशीनों की फर्जी खरीद दिखाकर सब्सिडी की मोटी रकम की उलटफेर कर दी गई है. इतना ही नहीं अब तक ऐसे 1800 किसानों के बारे में सूचना मिली है. जिसके बाद से सरकार ने सारे जिलों में जांच टीमें भेज दी हैं.

कृषि विभाग के अधिकारी

दरअसल कृषि विभाग ने मुख्य कृषि अधिकारी को सरकारी आदेश दिया था. जिसमें खरीदी गई मशीनरी के संबंध में रिपोर्ट बनाकर भेजने को कहा गया था. वहीं इस पर अधिकारी ने अपने अधीन फाजिल्का एवं फरीदकोट में लगभग 2000 किसानों के खेतों के साथ घरों में कृषि मशीनरी की जांच कराई. जिसमें सिर्फ 200 किसान ही खरीदी गई मशीनरी दिखा पाए. वहीं उनके पास खरीद संबंधी पूरे कागजात भी मौजूद थे. इतना ही नहीं 1800 किसानों के खेतों और घरों में मशीनें नहीं मिलीं एवं न ही वह ऐसी खरीद का कोई कागजात दिखा पाए.

सरकार को मिला रिपोर्ट

दरअसल इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्य कृषि अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजी है. वहीं इसके मध्य कृषि विभाग से यह भी जानकारी मिली कि फाजिल्का व फरीदकोट में गड़बड़ी की सूचना मिली है. जिसके बाद से जालंधर से विभाग की टीमों को जांच के लिए भेजा गया था. जबकि इसके शुरुआत में उन्हें सिर्फ 425 किसानों की जांच करने का आदेश मिला था. परन्तु विभाग की टीम को किसानों एवं मशीनरी बेचने वाली कंपनियों के मध्य मिले होने का पता चलने पर इसके जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है.