Ghaziabad:गाजियाबाद DM को 700 रुपए भेज कर कहा- '50 रुपए प्रति चाय के हिसाब से काट लें'

Ghaziabad: बीजेपी के नेताओं ने गाजियाबाद डीएम पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है. जब वो मुख्यमंत्री योगी से मिलने गए तो उन्हें सिर्फ चाय पिलाकर लौटा दिया.

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Ghaziabad: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक अजीबो-गरीब खबर सामने आ रही है. भारत में अतिथियों को चाय पिलाना एक आम स्वागत का तरीका है. लेकिन क्या आपने सुना है कि कभी किसी ने किसी को चाय पिलाकर अपमानित कर दिया हो.  इतना ही नहीं, बाद में चाय पिलाने वाले को चाय के पैसे भी लौटाए गए. जी हाँ, ये मामला है उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का. बीजेपी नेताओं ने एक पत्र के साथ गाजियाबाद डीएम को 700 रुपए भेजे हैं. पत्र में कहा है कि '50 रुपए प्रति चाय के हिसाब से पैसे काट लें". 

इसके साथ ही बीजेपी नेताओं ने डीएम पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है. ये पूरा मामला है 24 दिसम्बर का जब बीजेपी के कुछ नेता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गेस्ट हाउस पहुंचे थे. बीजेपी नेताओं का कहना है कि डीएम ने उन्हे मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया और सिर्फ चाय पिलाकर लौटा दिया. इसलिए उन्होंने डीएम को 50 रुपए प्रति चाय के हिसाब से 700 रुपए भेजे हैं. 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है पत्र 

बीजेपी नेताओं द्वारा गाजियाबाद डीएम को भेजा गया पत्र सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इस पत्र में 700 रुपए के साथ ही डीएम के लिए बातें लिखी गई है. इसके साथ ही इसमें 12 बीजेपी नेताओं के भी नाम लिखे गए हैं. ये सभी नेता मुख्यमंत्री से मिलने गए थे. इन नेताओं में पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रदेश कार्यकारिणि अध्यक्ष समेत कई वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं.

बीजेपी नेताओं ने कहा कि गाजियाबाद में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उन्हें सिर्फ एक फूल देकर गेट पर ही खड़ा कर दिया गए. उन्हें वार्ता स्थल के अंदर नहीं जाने दिया गया. जिसकी वजह से मुख्यमंत्री से उनकी भेंट नहीं हो पाई. इतना ही नहीं, शिकायत करने पर डीएम ने कहा कि 'आपका सम्मान है, सम्मान में आपको चाय भी पिलाई गई है,. 

डीएम ने दी सफाई 

इस पूरे घटनाक्रम पर गाजियाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि उक्त बीजेपी नेताओं के पास प्रॉक्सीमीटि पास नहीं था और न ही किसी ने मुख्यमंत्री से मिलने का अनुरोध किया था. उन्होंने आगे कहा कि उनके पास जो पास था वो सिर्फ विदाई के समय मुख्यमंत्री से खड़े होकर मिलने का था, उनके पास मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत मिलने का कोई पास नहीं था. इसके साथ ही डीएम ने कहा कि हमने उनको पूरा सम्मान दिया है.