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कोरोनो के अब तक कई नए वेरिएंट सामने आए हैं. वहीं इन दिनों फिर से कोविड का एक नया वेरिएंट JN.1 चर्चा का विषय बना हुआ है. जिसने वैज्ञानिकों के बीच चिंता बढ़ा दी है कि ये कभी खत्म भी होगा की नहीं.
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JN.1 वेरिएंट को काफी अधिक संक्रामक वाला बताया जा रहा है. ये वेरिएंट बी ए .2.86 की फैमिली से निकला है. जेएन.1 वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में 41 म्यूटेशन हुए हैं. अब तक जितने भी वेरिएंट मिले है उसमें उतने अधिक बदलाव नहीं दिखे जितने इस वेरिएंट में देखने को मिले है.
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जेएन.1 वेरिएंट के लक्षण पुराने वेरिएंट्स से मिलते-जुलते ही हैं. जैसे- ठंड लगकर बुखार आना, सीने में दर्द उठना, सांस लेने में दिक्कत और गले में खराश और दर्द होना, शरीर में दर्द होना, सिरदर्द और नाक बंद होना, उल्टी और मतली, टेस्ट या स्मेल न आना है.
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कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 को लेकर साइटिंस्ट काफी टेंशन में है क्योंकि यह वायरस लोगों की इम्युनिटी के लिए काफी ज्यादा खतरनाक है.
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ये नया वेरिएंट एक्सबीबी.1.5 और एचवी.1 के वेरिएंट से कई गुना ज्यादा खतरनाक है. सार्स-कोव-2 वैरिएंट जेएन.1 इंग्लैंड, फ़्रांस, आइसलैंड समेत अमेरिका जैसे देशों में तेजी से फैल रहा है. इस नए वेरिएंट का पता सबसे पहले 25 अगस्त को लक्जमबर्ग में चला था.