गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या पर अमेरिका का बयान, कहा- 'आरोप साबित होने तक कुछ नहीं बोलूंगा'

52 वर्षीय भारतीय निखिल गुप्ता पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के कथित प्रयास में शामिल होने का आरोप लगाया है.

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संयुक्त राज्य अमेरिका ने गुरपतवंत सिंह पन्नू हत्याकांड पर बड़ा बयान दिया है. अमेरिका ने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश की जांच एक कानूनी मामला है और इसे जूरी के समक्ष साबित होना अभी बाकी है. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि जब तक जूरी के सामने "आरोप साबित नहीं हो जाते" तब तक वह "कुछ नहीं बोलेंगे". विशेष रूप से, भारत द्वारा नामित आतंकवादी पन्नू के पास अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता है.

पन्नू अपनी भारत विरोधी टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के खिलाफ जान से मारने की धमकी सहित विवादित बयान दिए हैं. 52 वर्षीय भारतीय निखिल गुप्ता पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने  पन्नू की हत्या के कथित प्रयास में शामिल होने का आरोप लगाया है.

अमेरिकी न्याय विभाग ने दावा किया था कि भारत सरकार के एक कर्मचारी ने कथित तौर पर पन्नून की हत्या के लिए एक हिटमैन को नियुक्त करने के लिए भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को भर्ती किया था. गुप्ता फिलहाल चेक गणराज्य में हिरासत में हैं. चेक अधिकारियों ने संयुक्त राज्य अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत 30 जून, 2023 को गुप्ता को गिरफ्तार किया था.

एक चेक अदालत ने फैसला सुनाया है कि देश निखिल गुप्ता को अमेरिका में प्रत्यर्पित कर सकता है, चेक-आधारित मीडिया आउटलेट सेज़नाम ज़प्रावी ने न्यायिक डेटाबेस इन्फोसौड का हवाला देते हुए ये रिपोर्ट दी है.

इस बीच, भारतीय अधिकारी  पन्नू  की कथित हत्या की साजिश के आरोपों की अपनी अलग जांच कर रहे हैं. हाल ही में, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि कथित साजिश पर अमेरिका द्वारा दिए गए इनपुट की जांच के लिए नई दिल्ली द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय जांच समिति अभी भी मामले की जांच कर रही है.